नई दिल्ली: टीम इंडिया आईसीसी विश्व कप 2019 (World Cup 2019)के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों हार कर विश्व कप से बाहर हो गई. न्यूजीलैंड ने टीम इंडिया (India vs New Zealand) को 18 रन से हराया. अब टीम इंडिया के हार के कारणों की पड़ताल शुरू हो चुकी है. टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने कहा कि केवल 45 मिनट के खराब खेल के कारण टूर्नामेंट से हारना निराशाजनक है. इस मैच में टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर बुरी तरह नाकाम तो रहा. लेकिन एमएस धोनी ने एक बार फिर टीम इंडिया की जीत की नजदीक ले जाते दिखे, लेकिन आखिर में जीत न्यूजीलैंड को मिली. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इस हार के लिए धोनी कितने जिम्मेदार है. 


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क्यों धोनी रहे स्पेशल फैक्टर
टीम इंडिया के लिए जब भी टॉप आर्डर समस्या में आया धोनी पर उम्मीदें बढ़ती ही रहीं और अक्सर धोनी ने ही टीम इंडिया की नैया की पार लगाया. उन्हें दुनिया का बेस्ट फिनिशर यूं ही नहीं कहा जाता. जब फर्ग्यूसन के ओवर में धोनी रन आउट हुए तब टीम इंडिया को जीत के लिए 10 गेंदों में 25 रन चाहिए थे. सब जानते थे कि धोनी के क्रीज पर रहते यह नामुमकिन नहीं था, लेकिन वे रन आउट हो गए. पहले 5 ओवर में ही तीन विकेट गंवा देना टीम इंडिया दबाव में आ गई. लेकिन धोनी और जड़ेजा ने पारी को संभाला और मैच में वापसी की. जडेजा ने धोनी का बढ़िया साथ दिया लेकिन उनके आउट होने के बाद धोनी अकेले पड़ गए. 


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क्या धोनी ने आखिरी ओवरों में मैच ले जाकर गलती की
बिलकुल नहीं. विशेषज्ञ भी इसे गलती नहीं मान रहे हैं बल्कि जडेजा की अच्छी पारी की वजह धोनी का होना भी रहा जिसकी वजह से जडेजा सही समय पर भी अपने हाथ खोल सके. इसी बात को टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने स्वीकर किया. इसके अलावा धोनी की पारी 72 गेंदों पर 50 रन की रही और धोनी के मिजाज के मुताबिक जब तेजी से रन बनाने का मौका आया उसी समय वे आउट हो गए. जबकि उन्होंने हाथ खोलना शुरू ही किए थे. 


क्या हार्दिक के पहले आना चाहिए था धोनी को
10वें ओवर में जब दिनेश कार्तिक आउट हुए तब हार्दिक पांड्या आउट हुए. उस समय अगर बैटिंग ऑर्डर के मुताबिक तो धोनी बैटिंग करने आते हैं, लेकिन इस बार धोनी की जगह हार्दिक बैटिंग करने आए. कई लोगों का मानना है कि यह टीम इंडिया की गलती थी. यहां धोनी को बैटिंग करने आना था. मैच के बाद वीवीएल लक्ष्मण ने भी कहा कि धोनी को पहले आना चाहिए थे. मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट ने टीम के इस फैसले का बचाव किया. विराट ने कहा कि हमारा ध्यान इस बात पर था कि धोनी को 10 ओवर में भेजना जल्दबाजी हो सकती है. वे आखिरी ओवरों में ज्यादा उपयोगी रहते. वहां उनकी ज्यादा जरूरत रहती