नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की साइबर सेल (Cyber Cell) ने एक ऐसे 'स्पेशल 34' गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो देश की राजधानी में बैठकर सात समंदर पार विदेशी नागरिकों से करोड़ों रुपये की ठगी करने में जुटे थे. ये गिरोह उत्तम नगर इलाके की एक बिल्डिंग से दो बड़े कॉल सेंटर चलाकर चीटिंग की वारदातों को काफी समय से अंजाम दे रहा था.


वॉइस नोट्स और पॉप अप भेज करते थे ठगी


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डीसीपी साइबर सेल अनियेश राय के मुताबिक, कॉल सेंटर्स (Call Centers) के जरिए विदेशों में बैठे नागरिकों को वॉइस नोट्स भेजे जाते थे, जिसमें US ड्रग्स इंफोर्समेंट के नाम पर धोखाधड़ी की जाती थी. आरोपी शिकार को फंसाने के लिए 'पॉप अप' मैसेज का भी सहारा लेते थे, जिसमें कहा जाता था कि उनकी डिवाइस हैक कर ली गई है. इस मैसेज से घबराकर जैसे ही यूजर सॉल्यूशन के लिए पॉप अप पर क्लिक करते आरोपी उसे ठग लेते. कभी ऐपल तो कभी मेकैफे स्पोर्ट के नाम पर जालसाजी की जा रही थी. 


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मास्टरमाइंड समेत 34 लोग गिरफ्तार


जब पुलिस को इस कॉल सेंटर के बारे में पता चला तो साइबर टीम ने इस पर रेड कर दी. रेड के दौरान भी कुछ वर्कर्स विदेशी नागरिकों से बातचीत कर उन्हें अपना शिकार बना रहे थे. जिसके बाद पुलिस ने इस गैंग के मास्टरमाइंड क्षितिज बाली, अभिषेक और धनंजय नेगी समेत 34 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. शुरुआती पूछताछ में उन्होंने बताया कि हर विदेशी से 2 हजार से 3 हजार डॉलर तक की ठगी करते थे. यह ठगी गिफ्ट्स कार्ड और लुभावने ऑफर देकर की जाती थी. 


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रोजाना 5 लाख रुपये की करते थे ठगी


ऐसे में जो लोग पैसे देने से मना करते थे तो मेक्सिको, कोलंबिया में बैठे गिरोह के दूसरे सदस्य उनको फोन कर ड्रग्स कार्टेल के नाम पर डराते और धमकाते थे और एक्शन लेने की धमकी देते थे. अभी तक वे कनाडा, कोलंबिया, मेक्सिको, केलिफोर्निया और होस्टन के अलावा भी कई देशों में बैठे विदेशियों को करोड़ो रुपये ठग चुके हैं. एक कॉल सेंटर से एक दिन में करीब 3 हजार डॉलर यानी करीब 5 लाख रुपये की कमाई हो रही थी.


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