Ashoka University Co-founders Fraud: ईडी Parabolic Drugs मामले में मनी लॉड्रिंग कानून में जांच और छापेमारी कर रही है. ये मामला 1600 करोड़ रुपये के Bank Fraud से जुड़ा है, जिसमें सीबीआई ने बैंक की शिकायत पर दिसंबर 2021 में 12 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. ये मामला Parabolic Drugs कंपनी, इसके डायरेक्टर प्रणव गुप्ता, विनीत गुप्ता, दीपाली गुप्ता और दूसरे आरोपियों के खिलाफ था. इसी मामले की जांच को लेकर ED ने 27 अक्टूबर को 17 जगहों पर छापेमारी की थी, जिसमें दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, पंचकुला, अंबाला और सोनीपत का नाम शामिल है. इसी मामले में एजेंसी ने अशोका यूनिवर्सिटी के दिल्ली के दफ्तर और सोनीपत में यूनिवर्सिटी के कैंपस में भी छापेमारी की. इस दौरान कई बड़े खुलासे हुए.


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ईडी के जांच में क्या पता चला?


एजेंसी की जांच में पता चला कि प्रणव गुप्ता और विनीत गुप्ता अशोका यूनिवर्सिटी के Co-Founders हैं. इन दोनों ने बैंक से लिए लोन में से 7 करोड़ रुपये यूनिवर्सिटी में डायवर्ट किया यानी Bank Fraud किया. जांच में पता चला कि सितंबर 2013 में Parabolic Drugs कंपनी को Bank से मिले 1600 करोड़ रुपये लोन के पैसों में से कुछ अमाउंट JDRG Infrastructures Pvt Ltd को ट्रांसफर किए गए. उसके बाद ये पैसे विनीत गुप्ता को ट्रांसफर किए और फिर वहां से 1 करोड़ रुपये अशोका यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर किए गए.


पैसों का हेरफेर कैसे हुआ?


इसके अलावा अगस्त 2016 में Parabolic Drugs कंपनी के खाते से 50 लाख रुपये ग्रुप कंपनी में ही Jamboree Education Pvt Ltd को ट्रांसफर किए गए. उसके बाद Jamboree से ये पैसे विनीत गुप्ता के खाते में गए और फिर वहां से विनीत गुप्ता ने ये पैसे अशोका यूनिवर्सिटी के खाते में ट्रांसफर किए. यानी विनीत गुप्ता ने लोन के पैसों को अपना पैसा बता यूनिवर्सिटी में दिया जबकि ये बैंक का पैसा Parabolic Drugs के लिए था. इस पैसे को अशोका यूनिवर्सिटी ने भी बिना किसी जांच के मंजूर किया और इसलिए ED अब यूनिवर्सिटी के खातों की भी जांच कर रही है कि बाकी पैसे भी कहां से और कैसे आए हैं.


7  करोड़ रुपये का क्या हुआ?


अभी तक की जांच में अशोका यूनिवर्सिटी को 7 करोड़ रुपये ट्रांसफर होने की बात सामने आई है लेकिन इसके अलावा यूनिवर्सिटी ने Parabolic से या इससे जुड़ी किसी कंपनी से कैश या किसी और तरीके से पैसे लिए हैं, इसकी भी जांच की जा रही है.


इस समय ED की जांच के दायरे में करीब 20 कंपनी है जिसमें Reimagining Higher Education Foundation (Plaksha University) Jamboree Education Pvt Ltd, JDRG Infrastructure Pvt Ltd, Saj Infrastructure Pvt Ltd शामिल हैं. जांच के दायरे में आई इन 20 कंपनियों में काफी सारी रियल एस्टेट और फार्मा के काम में शामिल है.


इसके अलावा एजेंसी अब यूनिवर्सिटी को मिलने वाली विदेशी फंडिंग की भी जांच कर रही है, जिसमें पता चल सके कि क्या यूनिवर्सिटी को गुप्ता भाइयों की तरफ से विदेश से भी पैसे दिए गए हैं. इस मामले में एजेंसी के निशाने पर एक शराब कारोबारी भी हैं जो उत्तर भारत का एक बड़ा शराब कारोबारी है. एजेंसी के मुताबिक, इस मामले में जल्द ही कुछ गिरफ्तारी होगी.