बच्चे से ‘बैड टच’ के मामले में बस चालक को तीन साल की जेल, पुलिस ने भी शुरू की बड़ी मुहिम
Bad Touch: स्कूलों में बच्चों के साथ अक्सर गुड और बैड टच की घटनाएं सामने आती रहती हैं. हाल ही में नोएडा के स्कूल छात्र के साथ इसी तरह की हरकत करने वाले बस ड्राइवर को अदालत ने 3 साल की जेल की सजा सुनाई है. इसके अलावा जुर्माना भी लगाया है.
Bad Touch: गौतमबुद्ध नगर की एक अदालत ने तीन वर्षीय छात्र के साथ बस चालक द्वारा ‘बैड टच’ (गलत तरीके से छूने) के मामले में एक बस चालक को दोषी करार दिया. साथ ही अदालत ने उसे तीन साल की जेल की सजा सुनायी है. पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि 2017 में थाना एक्सप्रेसवे में एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका बेटा सेक्टर-132 से स्थित एक नामी स्कूल में पढ़ता था और स्कूल के बस चालक विश्वास ने उसके बेटे को गलत तरीके से छुआ.
जुर्माना भी लगा:
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि करीब सात वर्ष तक चले मुकदमे में गौतम बुद्ध नगर के अपर सत्र/विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो-दो) सौरव द्विवेदी ने शुक्रवार को इस मामले में बस चालक को दोषी पाया और उसे तीन साल की कारावास की सजा सुनाई है. उन्होंने आगे बताया कि मुजरिम पर आर्थिक दंड भी लगाया गया है. यह पहली बार नहीं है जब स्कूली छात्र/छात्राओं के साथ इस तरह की घटना हुई है. इससे पहले नोएडा की ही एक और स्कूल में इसी तरह की घटना पेश आई थी.
2 अन्य घटनाएं:
3 सितंबर को, एक छह वर्षीय लड़की के साथ स्कूल के परिसर में कार्यरत एक मजदूर ने कथित तौर पर छेड़छाड़ की. लड़की के अनुसार, मजदूर उसे उसकी कक्षा के बाहर से परिसर के एक सुनसान इलाके में ले गया, जो सीसीटीवी निगरानी के दायरे में नहीं था. शहर के एक अन्य स्कूल में, एक तीन वर्षीय छात्रा ने अपने परिवार को बताया कि इस महीने की शुरुआत में एक हाउसकीपिंग कर्मचारी ने उसका यौन उत्पीड़न किया था. इसके बाद स्कूल के प्रिंसिपल, जूनियर विंग की हेडमिस्ट्रेस, एक शिक्षक और सुरक्षा पर्यवेक्षक को मैनेजमेंट ने नौकरी से निकाल दिया.
पुलिस ने शुरू की खास मुहिम:
जिसके बाद नोएडा पुलिस ने भी इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए बड़ी मुहिम छेड़ी है. नोएडा पुलिस ने बच्चों को गुड और बैड टच के बारे में शिक्षित करने और शिक्षकों को मामलों की पहचान करने के अलावा छात्रों को बोलने के लिए सुरक्षित माहौल मुहैरा करने के बारे में स्कूलों और कॉलेजों में एक अभियान शुरू किया है. पुलिस की महिला सुरक्षा शाखा की एक पहल, 'मिशन शक्ति' के तहत अभियान का उद्देश्य जिले के स्कूलों और कॉलेजों में 1.5 लाख छात्रों तक पहुंचना है. इस महीने की शुरुआत में शुरू हुआ यह अभियान दिसंबर तक चलेगा. यौन उत्पीड़न की घटनाओं के बाद सैकड़ों अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन किया और शहर के दो निजी स्कूलों की प्रधानाध्यापिकाओं को बर्खास्त कर दिया गया.
पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि उनके अभियान का फोकस सिर्फ़ बच्चों पर ही नहीं था, बल्कि शिक्षकों और स्कूल प्रशासन पर भी था. गौतमबुद्ध नगर की डीसीपी (महिला सुरक्षा) सुनीति ने कहा, "बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता और शिक्षकों को भी गुड और बैड टच के बारे में शिक्षित करना उतना ही ज़रूरी है, ताकि अगर कुछ गलत हो तो बच्चे खुलकर अपनी बात उनसे कह सकें."