Chhattisgarh Crime News: शादी के बाद पत्नी को दहेज (Dowry) के लिए सताने, मारने-पीटने और उसके साथ अननेचुरल सबंध बनाना एक बिजनेसमैन को भारी पड़ गया है. इस मामले में कोर्ट ने उसे 9 साल की सजा सुनाई है. इस केस में उसकी बहन और मां-बाप भी दोषी हैं. कोर्ट ने बिजनेसमैन की बहन को 6 महीने और उसके माता-पिता को 10 महीने की सजा दी गई है. बता दें कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने ये सजा (Durg Dowry Case Verdict) सुनाई है. आइए जानते हैं कि ये पूरा मामला क्या है और सजायाफ्ता बिजनेसमैन ने अपनी पत्नी को कैसे-कैसे सताया.


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दहेज के लिए की पत्नी की पिटाई


टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित महिला की शादी साल 2007 में हुई थी. महिला ने आरोप लगाया था कि शादी के बाद से ही ससुराल में उसके साथ टॉर्चर शुरू हो गया था. उसे मानसिक और फिजिकल तौर पर बार-बार चोट पहुंचाई जाती थी. इसमें पति को उसकी बहन और उसके माता-पिता का भी साथ मिलता था. महिला ने ये भी बताया था कि पति उसे अननेचुरल तरीके से संबंध बनाने के लिए मजबूर करता था.


कैसे-कैसे सताता था पति?


पति और ससुरालियों के टॉर्चर से जब वह तंग आ गई तो 2016 में वह ससुराल छोड़कर अपने माता-पिता के पास मायके आ गई और अपनी बेटी के साथ यहां रहने लगी. इसके बाद महिला ने सुपेला पुलिस स्टेशन में 7 मई, 2016 को पति और उसके माता-पिता के खिलाफ दहेज एक्ट के तहत केस दर्ज करवाया. इसके अलावा अपने पति पर अननेचुरल संबंध के लिए आईपीसी की धारा 377 भी लगवाई.


कोर्ट ने सुना दी 9 साल की सजा


रिपोर्ट दर्ज कराने के 7 साल बाद अब कोर्ट ने महिला के पति को धारा 377 और दहेज एक्ट के केस में 9 साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा मारने-पीटने के लिए 1 साल की और सजा दी है. साथ में 1 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया  है. दोषी को मिली दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी.