10वीं पास शख्स ने करोड़ों रुपये की Black Money को ऐसे बदला व्हाइट मनी में
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को 7 बैंक खातों की जानकारी मिली जिसमें 9 करोड़ रुपये जमा करवाए गए थे. खास बात ये थी कि ये सभी पैसे 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 के बीच 7 अलग-अलग बैंक खातों में जमा करवाए गए थे.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस EOW ने नोटबंदी के समय फर्जी बैंक खाते खोल कर 9 करोड़ की ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदलने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम गौरव सिंघल है. खास बात ये है कि आरोपी सिर्फ 10वीं पास है.
दरअसल, नवंबर 2016 में जब नोटबंदी (Demonetization) हुई थी. उस समय इनकम टैक्स डिपार्टमेंट लगातार ब्लैक मनी (Black Money) का इस्तेमाल करने वाले लोगों पर नजर रख रही था. अगर किसी बैंक खाते (Fake Bank Accounts) में पुराने नोट जमा किए गए थे तो उन पर कार्रवाई की जा रही थी जिससे आरोपियों को पकड़ा जा सके. लेकिन बहुत सारे ऐसे लोग थे जो फर्जी नाम, पतों का सहारा लेकर और फर्जी कंपनियों के जरिए ब्लैक मनी को सफेद करने की कोशिश में लगे हुए थे.
अलग-अलग बैंक खातों में जमा करवाए गए 9 करोड़ रुपये
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को ऐसे ही 7 बैंक खातों की जानकारी मिली जिसमें 9 करोड़ रुपये जमा करवाए गए थे. खास बात ये थी कि ये सभी पैसे 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 के बीच 7 अलग-अलग बैंक खातों में जमा करवाए गए थे. जब इनकम टैक्स ने इन खातों की जांच की, तो पाया कि ये सभी बैंक खाते अलग-अलग बिजनेस के हैं, लेकिन सब भीम गली, शाहदरा, दिल्ली के पते पर हैं. जांच की गई तो पता चला कि ये बैंक खाते योगेश कुमार और राहुल जैन के नाम से खोले गए थे.
जांच में पता चला कि दरअसल, गौरव सिंघल ही असल में योगेश कुमार है और राहुल जैन के नाम से बैंक खाते खोलने के लिए किसी और की फोटो का इस्तेमाल किया गया था. गौरव ने बैंक खाते तो खोल लिए, लेकिन इन खातों को ऑपरेट करने के लिए जो मोबाइल नंबर दिया वो गौरव सिंघल ने अपना ही दिया जिससे जांच एजेंसियों के लिए आरोपी का पता लगाना आसान हो गया.
जनवरी 2018 से फरार था आरोपी
इनकम टैक्स ने मामले की जांच करने के बाद आरोपी के खिलाफ जनवरी 2018 में मामला दर्ज करवाया, लेकिन उसी की बाद से आरोपी फरार था. पुलिस के मुताबिक, आरोपी लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था और ज्यादातर तंग गलियों और भीड़भाड़ वाली जगहों पर छिप कर रह रहा था. पुलिस इसे पकड़ने के लिए मोटरसाइकिल पर सर्च कर रही थी जिससे भीड़भाड़ और तंग गलियों को फायदा उठा आरोपी भाग न सकें. गिरफ्तारी के समय आरोपी अपने घर के पास ही PG में रह रहा था.
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पुलिस ने जब पूछताछ की तो आरोपी ने बताया कि वह विश्वास नगर में केबल वॉयर का काम करने वाली कंपनी में काम करता था और उसी दौरान फर्जी बिलों के जरिये VAT/GST ये फायदा उठाने वाले लोगों के संपर्क में आया. यहीं से उसने कमीशन के लिए नोटबंदी के समय ब्लैकमनी को सफेद करने के मकसद से फर्जी नाम के साथ बैंक खाते खोले. पुलिस अब इन पैसों के असली मालिकों का पता लगा रही है जिससे उन पर भी कार्रवाई की जा सके.