Giridih: गरीब या मजबूर परिवार से कम उम्र की लड़कियों का सौदा कर उसकी शादी तीन गुनी अधिक उम्र वाले व्यक्तियों से कराकर रुपए कमाने वाले गिरोह का खुलासा बुधवार को हुआ है, जब लड़कियों के इस सौदागर गिरोह से 16 साल की खुशी यादव शादी के दूसरे ही दिन भाग निकली. खुशी बुधवार की अहले सुबह सरिया हजारीबाग रोड स्टेशन आरपीएफ थाना पहुंचकर अपनी आप बीती सुनाई, जिसके बाद आरपीएफ निरीक्षक पंकज कुमार पूरे मामले से अवगत होने के बाद लड़की और उसकी मां को बगोदर थाना को सौंप दिया.


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चूंकी सारा मामला बगोदर थाना के दोन्दलो गांव में हुई थी. बगोदर थाना के एसआई ओम प्रकाश सदलबल अपने साथ लेते गए. घटना के बारे में खुशी यादव ने बताया कि 'उसका अपना घर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के ककरा गांव में है. उसके पिता दयाशंकर यादव शरीर से लाचार हैं. वो अपनी मां जागेश्वरी देवी के साथ अपने नाना घर बगोदर थाना के दोन्दलो गांव में चिंतामन महतो के यहां 11 जून से आई हुई थी. इसी गांव की पातो देवी व उसके पति समेत तीन चार लोग (जिनका नाम नहीं पता है) ने मेरी मां व नानी को बताया कि खुशी की शादी बिना दान दहेज के करवा देंगे.'


खुशी ने आगे बताया कि 'इसके बाद घर की खराब माली हालत को देखते हुए मां ने हामी भर दी. लेकिन शादी से पहले जिस लड़के का फोटो दिखाया गया था, वह बहुत कम उम्र का था. लेकिन 28 जून को जब दोन्दलो में मेरी शादी कराई गई तो वह व्यक्ति 48 से 50 की उम्र का निकला, जिसका नाम सुनील यादव (लखनऊ का निवासी है). जिसके बाद मैंने विरोध किया. लेकिन शादी कराने वाले लोग धमकी देकर चुप करा दिया. इसके बाद 29 जून की रात ट्रेन से मुझे ले जाने के लिए सरिया स्टेशन लाया गया, जहां से मैं 30 जून की सुबह तीन बजे वहां से भागकर आरपीएफ थाना आ गई. लेकिन अन्य लोग मेरे 15 साल के मामा राहुल यादव को अपने साथ लेते गए. जबकि सुनील यादव व तीन अन्य व्यक्ति अभी भी इधर ही उसकी खोज में घूम रहे हैं.'


पीड़िता ने कहा, 'जो राहुल को लेकर लखनऊ गए है वे हमलोगों से 50 हजार की मांग कर रहे हैं. उन सभी का कहना है कि शादी कराने के बदले दलाल 50 हजार ले चुका है.' 


पातो अपने पति के साथ लड़कियों का सौदा करती है
खुशी यादव के बयान से यह स्पष्ट होता है कि पातो देवी जिसका नैहर दोन्दलो है, उसकी शादी लखनऊ में हुई है. वो अपने पति के साथ मिलकर लड़कियों का सौदा करती है. लाचार, गरीब परिवार की नाबालिग लड़कियों का सौदा कर लखनऊ, प्रयागराज, बरेली जैसे स्थानों पर उम्रदराज व्यक्तियों से शादी करवा देती है. पातो ने अब तक ऐसी कई शादियां करा चुकी है. खुशी की मां भी इसी गिरोह के चंगुल में फंस गई थी.


बड़े नेटवर्क  का हो सकता है खुलासा
अगर बगोदर पुलिस इस मामले को संज्ञान में लेती है तो बड़े गिरोह का खुलासा हो सकता है और नाबालिग लड़कियां अपनी जिंदगी बेहतर तरीके से जी सकती हैं. कोई इसकी गरीबी का फायदा नहीं उठा सकता है.


खुशी की हिम्मत ने ही उसे बचाया
मात्र 16 वर्ष की 9वीं क्लास में पढ़ने वाली खुशी की हिम्मत की दाद देनी होगी, जिसकी वजह से आज वह सुरक्षित है. लेकिन कानूनी कार्रवाई पूरी होने के बाद एक सवाल उठता है कि क्या उक्त गिरोह के चंगुल में वह दुबारा नहीं फसेंगी. क्योंकि उसका मामा राहुल तो सौदागरों के पास है.


(इनपुट-मृणाल सिन्हा)