Divya Pahuja Murder: गुरुग्राम के एक होटल में पूर्व मॉडल और मारे गए गैंगस्टर संदीप गाडोली की प्रेमिका दिव्या पाहुजा की हत्या के संबंध में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक आरोपी अभिजीत सिंह ने मर्डर के बाद 27 वर्षीय युवती के शव के साथ लगभग छह घंटे बिताए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पुलिस के अनुसार, अभिजीत और दिव्या (जो रिश्ते में थे), के बीच 2 जनवरी को झगड़ा हुआ था.  जिसके बाद अभिजीत ने नशे की हालत में अवैध पिस्तौल से कथित तौर पर दिव्या के सिर में गोली मार दी.


यह घटना अभिजीत के स्वामित्व वाले सिटी पॉइंट होटल में हुई. दिव्या उसी होटल के कमरा नंबर 111 में ठहरी थी, जहां अभिजीत ने उसकी हत्या कर दी. इसके बाद उसने शव के साथ होटल के उस कमरे में लगभग छह घंटे बिताए.


अभिजीत ने पूछताछ के दौरान कही ये बात
पूछताछ के दौरान अभिजीत ने पुलिस को बताया कि दिव्या के पास उसकी कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें थीं और वह उसे ब्लैकमेल करने के साथ-साथ उससे पैसे भी वसूल रही थी. उसने दिव्या से उन तस्वीरों को मोबाइल से डिलीट करने को कहा और उसके सेल फोन का पासवर्ड मांगा. मगर दिव्या ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. आख़िरकार, दोनों में तीखी बहस हुई, जिसके बाद अभिजीत ने उस पर गोली चला दी.


गुरुग्राम पुलिस को हत्या के मामले में कथित संलिप्तता के लिए गुरुवार को अभिजीत और उसके दो सहयोगियों - ओम प्रकाश और हेमराज की पांच दिन की रिमांड मिली. पुलिस के मुताबिक, ओम प्रकाश और हेमराज सिटी प्वाइंट होटल में काम करते थे.


पुलिस उपायुक्त विजय प्रताप सिंह (अपराध) ने कहा, ‘कुछ आपत्तिजनक तस्वीरों को लेकर अभिजीत और दिव्या के बीच बहस के बाद अभिजीत ने दिव्या के सिर में गोली मार दी. इसके बाद वह ओम प्रकाश और हेमराज की मदद से दिव्या के शव को खींचकर बीएमडब्ल्यू कार की डिक्‍की में ले गया. फिर अभिजीत ने लगभग 1.5 किमी तक गाड़ी चलाई और ‘कार की चाबियां बलराज और रवि बंगा नामक अपने साथियों को सौंप दीं, जो शव को ठिकाने लगाने के लिए कार को पंजाब की ओर ले गए.’


पुलिस को गाड़ी में नहीं मिला शव
बाद में जब पुलिस ने जब बरामद हुई बीएमडब्ल्यू कार की डिग्गी खोली तो उसमें शव नहीं मिला. आशंका जताई जा रही है कि दिव्या की लाश को पंजाब में कहीं फेंक दिया गया है.


पुलिस ने बताया कि दिव्या की हत्या 2 जनवरी की शाम करीब 5 बजे की गई थी और रात करीब 11 बजे अभिजीत ने युवती के बेजान शरीर को ठिकाने लगाने के लिए ओम प्रकाश और हेमराज से मदद मांगी.


संदेह होने पर होटल के रिसेप्शन डेस्क पर मौजूद एक व्यक्ति ने रात 9 बजे के आसपास पुलिस को सूचित किया.


डीसीपी ने कहा, पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला और कमरा नंबर 114 की जांच करने के बाद वापस चली गई. यह कमरा अभिजीत के नाम पर बुक किया गया था.


एक बार फिर होटल गई पुलिस
डीसीपी ने कहा, ‘लेकिन दिव्या की बहन नैना से कुछ जानकारी मिलने के बाद पुलिस रात 11 बजे के बाद फिर से होटल गई. पुलिस को पूरे होटल और कमरा नंबर 111 की तलाशी लेने के बाद दिव्या के खून के धब्बे और अन्य वस्तुएं मिलीं."


पुलिस अधिकारी ने कहा, "सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि अभिजीत सहित तीन लोगों ने दिव्या के शव को बीएमडब्ल्यू कार की डिग्गी में खींच लिया और अभिजीत कार लेकर चला गया. बाद में, वह होटल लौट आया लेकिन कार के बिना. पुलिस ने अभिजीत और उसके दो सहयोगियों को पकड़ लिया.''


अभिजीत ने 1989 में एनआईटी कुरुक्षेत्र से अपनी इंजीनियरिंग पूरी की. उसने हाल ही में होटल व्यवसाय में कदम रखा है.


पुलिस को अभिजीत के आपराधिक रिकॉर्ड मिले
डीसीपी ने कहा, "हमें अभिजीत के कुछ आपराधिक रिकॉर्ड भी मिले. उसके खिलाफ लड़ाई-झगड़े का एक मामला गुरुग्राम के सेक्टर 14 पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था, जबकि शस्त्र अधिनियम का एक और मामला दिल्ली पुलिस में दर्ज किया गया था."


पुलिस अधिकारी ने कहा कि दिव्या जेल में बंद गैंगस्टर बिंदर गुज्जर के जरिए अभिजीत के संपर्क में आई थी.


गुज्जर ने जाहिर तौर पर अभिजीत से अपने बच्चों की शिक्षा में मदद करने के लिए कहा था और उसी दौरान अभिजीत दिव्या के संपर्क में आया.


बिंदर गुज्जर को 2016 में मुंबई में हुई गुरुग्राम पुलिस के साथ गैंगस्टर संदीप गाडोली की कथित "फर्जी मुठभेड़" का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है.


दिव्या इस मामले में मुख्य आरोपी थीं. बाद में उसे गैंगस्टर की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया और सात साल जेल में बिताने पड़े. उसे छले साल जून में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी.


पीडि़त परिवार का आरोप है कि दिव्या की हत्या की साजिश अभिजीत के साथ मिलकर संदीप गाडोली के परिवार वालों ने रची थी.


(इनपुट - एजेंसी)