ISIS: इस तरह राज खुलते गए, फराज की गिरफ्तारी के बाद अब रडार पर यह आतंकी
ISIS Aligarh Module: आईएसआईएस के अलग अलग मॉड्यूल के खिलाफ जांच एजेंसिया कार्रवाई कर रही हैं. हाल ही में यूपी एटीएस ने अलीगढ़ मॉड्यूल से जुड़े एक आतंकी को गिरफ्तार किया है और उसके दूसरे सहयोगी की तलाश है.
ISIS Terrorist Faraz Ahmad News: देश के अलग अलग हिस्सों में आईएस अपनी पकड़ को मजबूत करने के फिराक में है. हालांकि जांच एजेंसिया लगातार उनकी कमर तोड़ने की कोशिश में जुटी हुई है. जांच एजेसिंया जैसे जैसे अपनी जांच को आगे बढ़ा रही हैं. सनसनीखेज जानकारियां सामने आ रही है. यूपी एटीएस ने 9 जनवरी को अलीगढ़ से 25 हजार के इनामी फराज अहमद को गिरफ्तार किया है. और अब यह जानकारी सामने आई है कि इसका संबंध फैजान बख्तियार नाम के शख्स से है.
अब रडार पर फैजान बख्तियार
यूपी एटीएस का कहना है कि फराज और फैजान बख्तियार दोनों एक दूसरे के रिश्तेदार हैं . फैजान को पकड़ने के लिए भी 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है. एटीएस का कहना है कि ये दोनों अलीगढ़ मॉड्यूल के जरिए आईएस के नापाक इरादों को जमीन पर उतारने की कोशिश कर रहे थे.अलीगढ़ माड्यूल से जुड़े इन दोनों की यूपी एटीएस को तलाश थी, पिछले साल अक्टूबर के महीने में यूपी एटीएस ने भंडाफोड़ किया था.
कौन है फराज अहमद
फराज अहमद, प्रयागराज के करैली इलाके का रहने वाला है.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान में स्नातक है.
फराज अहमद का संबंध भगोड़े आतंकी फैजान बख्तियार का करीबी है
एक और संदिग्ध अब्दुल समद मलिक ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था.
अलीगढ़ मॉड्यूल का हुआ था भंडाफोड़
यूपी एटीएस ने पिछले साल नवंबर में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र संगठन स्टूडेंट्स ऑफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनियन से जुड़े अब्दुल्ला अर्सलान और माज बिन तारिक को गिरफ्तार किया था. इनके बारे में पता चला कि ये दिवाली के मौके पर धमाकों की साजिश रच रहे थे. इनका संबंध शहनवाज आलम और रिजवान से भी जुड़ा था. इनकी गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस ने एक और संदिग्ध वजीहुद्दीन अली खान को भी छत्तीसगढ़ के दुर्ग से किया था. वजीहुद्दीन, एएमयू से पीएचडी कर रहा था. वो अपने आईएस हैंडलर के संपर्क में था. समर्थक इसे अमीर नाम से पुकारते थे.
शाहनावज आलम से भी कनेक्शन
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आईएस से जुड़े आतंकी शाहनवाज आलम के बारे में विस्फोटक जानकारी दी थी. शहनवाज की गिरफ्तारी पहले स्पेशल सेल ने की थी. हालांकि बाद में केस एनआईए को सौंप दिया. जांच एजेंसियों के मुताबिक शहनवाज आलम, एक मालदीवी मिस्ट्री लेडी के संपर्क में आया. वो उसके जरिए इराक-सीरिया बॉर्डर पर एक अल हॉल नाम के रिफ्यूजी कैंप से जुड़ा. मिस्ट्री लेडी के कहने पर ही उसने केरल के एक टीचर के जरिए डोनेशन दिया था. डोनेशन देना तो बहाना था. असल में इसके जरिए वो आईएस नेटवर्क का हिस्सा बना और भारत के बड़े शहरों दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और अयोध्या को निशाना बनाना चाहता था.