सेल्फी मोड में मर्डर की इनसाइड स्टोरी, आखिर कैसे एक ट्रेनी DSP बन बैठा हत्या का आरोपी?
Koderma Samachar: एक ओर पुलिस गिरफ्त में आ चुका हत्या का आरोपी ट्रेनी डीएसपी गलती से गोली चलने की बात कह रहा है, तो इधर निखिल की मौत के मामले में पेंच लगातार उलझते ही जा रहे हैं.
Koderma: कोडरमा की जवाहर घाटी के पास स्थित तिलैया डैम की खूबसूरती जितनी मनमोहक है, उतनी ही हैरतअंगेज है यहां एक दोस्तों की टोली में गोली चलने की इनसाइड स्टोरी. बीते 9 जुलाई की शाम करीब 4 बजे 4 दोस्तों की एक टोली ने डैम किनारे मस्ती करने के बाद अपने इस खूबसूरत लम्हें को हमेशा के लिए कैमरे में कैद करना चाहा और इसके लिए कैमरे के सेल्फी मोड से कई सारी फोटो क्लिक की. लेकिन उन्हीं दोस्तों में से एक दोस्त जो कि ट्रेनी डीएसपी था, उसने अपने हाथ में अपनी सर्विस रिवॉल्वर ले रखी थी और फिर फोटो क्लिक करने के दौरान उसने रिवॉल्वर का ट्रिगर दबा दिया. रिवॉलवर से निकली गोली उन चार दोस्तों की टोली में से ही एक दोस्त निखिल रंजन को जा लगी इसके बाद दोस्तों की मस्ती काफूर हो गई.
आनन-फानन में निखिल को अस्पताल ले जाया गया लेकिन तबतक देर हो चुकी थी. मृतक की पहचान पटना के बेऊर निवासी 25 वर्षीय निखिल कुमार के रूप में हुई और जिस शख्स की सर्विस रिवॉल्वर से गोली चली वो बिहार के बक्सर के प्रशिक्षु डीएसपी आशुतोष कुमार हैं. बक्सर के सिमरी थाना के प्रभारी रहे प्रशिक्षु डीएसपी आशुतोष कुमार ने अपने 2 दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने कोडरमा के तिलैया डैम पहुंचने का प्लान बनाया और सबसे पहले अपने दो दोस्तों के साथ ब्रेजा गाड़ी से कोडरमा स्थित एक साथी के घर पहुंचे. वहां से चारों दोस्त निकल लिए तिलैया डैम जहां मस्ती के दौरान हुई घटना के बाद एक डीएसपी अब हत्या का आरोपी है और इस पूरी वारदात में शामिल अपने दो जिंदा बचे दोस्त सौरभ कुमार और सूरज कुमार के साथ सलाखों के पीछे है. पुलिस ने उस रिवॉल्वर को भी जब्त कर लिया है जिससे गोली चली थी.
क्या सट्टेबाजी के कारण हुई निखिल की हत्या?
एक ओर पुलिस गिरफ्त में आ चुका हत्या का आरोपी ट्रेनी डीएसपी गलती से गोली चलने की बात कह रहा है, तो इधर निखिल की मौत के मामले में पेंच लगातार उलझते ही जा रहे हैं. आरोपी डीएसपी भले ही दावा कर रहे हैं कि गलती से उनके सर्विस रिवॉल्वर से गोली चली और उनके दोस्त की मौत हो गई लेकिन दूसरी तरफ निखिल के परिजनों का आरोप है कि आरोपी डीएसपी झूठ बोल रहे हैं, निखिल की मौत सुनियोजित तरीके से प्लान करेके की गई है और हत्या के पीछे सट्टेबाजी में पैसे का विवाद है.
बता दें कि निखिल अपने घर का सबसे छोटा लड़का था. उसने पटना के ही नामी संस्थान एलएन मिश्रा कॉलेज से एमबीए की पढाई पूरी की थी और उसका प्लेसमेंट होने ही वाला था. इसके साथ ही वो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटा था. लेकिन आखिर मृतक निखिल वारदात से एक दिन पहले अपने घर पर क्या बोलकर दोस्तों के साथ निकला था और उनके परिजन अपने बेटे के दोस्त की बातों से इतर डीएसपी आशुतोष पर हत्या का आरोप क्यों लगा रहे हैं इस बारे में बात करते हुए अपने बेटे की मौत से पूरी तरह टूट चुके निखिल के पिता ने आरोपी डीएसपी के बारे में बताया कि 'बतौर डीएसपी आशुतोष बिहार पुलिस में भर्ती होने से पहले उनके 70 फीट, पटना स्थित आवास में आता जाता रहा था. घटना वाले दिन से ठीक एक दिन पहले यानि 8 जुलाई को रात 8 बजे निखिल घर से ये कहकर निकला था कि वो अपने फ्रेंड आशुतोष के साथ एक इंगेजमेंट सेरेमनी में बिहारशरीफ जा रहा है. घर से निकलने से पहले आरोपी आशुतोष शाम करीब 7 बजे अपनी ब्रेजा गाड़ी से निखिल के घर पहुंचा और फिर एक घंटे रुकने के बाद अपने दोस्त को लेकर निकल गया' उस वक्त ना तो निखिल के पिता को मालूम था कि ये उनके बेटे की आखिरी यात्रा है और ना ही खुद निखिल को आभास था कि वो जिस दोस्त के साथ निकल रहा है उसी के हाथों उसका कत्ल कर दिया जाएगा.
निखिल के परिवार वाले जल्द न्याय की कर रहे मांग
पटना स्थित निखिल के परिवार में मातम पसरा है, तो नालंदा जिले के इस्लामपुर थाना अंतर्गत बीरा विगहा गांव में भी सन्नाटा पसरा है. निखिल रंजन के घर उनकी मां कुसुम देवी की चित्कार से गमगीन हो चुका है. परिजन इस मामले में दोषी को सजा देने की मांग कर रहे हैं.
आखिर बिना अनुमति के सर्विस रिवॉल्वल लेकर दूसरे राज्य कैसे पहुंचा आशुतोष?
मृतक निखिल के पिता ऋषि देव प्रसाद खुद बतौर ASI गया के एक थाने में पोस्टेड हैं और एक पुलिसकर्मी के सर्विस हथियार से जुड़ी वैधानिक औपचारिकताओं के बारे में उन्हें पता है. ऋषि देव प्रसाद ने सवाल उठाते हुए कहा कि 'बगैर डीआईजी की अनुमति के कोई भी पुलिसकर्मी सर्विस रिवॉल्वर लेकर दूसरे जिले या दूसरे राज्य में नहीं जा सकता.'
मृतक निखिल के पिता ने कहा कि 'आरोपी डीएसपी आशुतोष नौकरी से पहले से ही कम उम्र के लडकों के साथ उठते-बैठते हैं और IPL की सट्टेबाजी में पैसे लगाते हैं. इसी क्रम में उनके बटे को भी उन्होंने सट्टा खेलने के लिए मजबूर किया. कई दफे उन्होनें खुद निखिल के हारने पर पैसे का पेमेंट किया, इसके अलावा निखिल ने एकबार चेन गिरवी रखकर आशुतोष को पैसे दिए और पैसे के लेनदेन में ही उनके बेटे की हत्या हुई है.'
इधर, इस पूरे मामले पर राजगीर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के रिटायर्ड DIG परवेज अख्तर जिनके अंदर प्रशिक्षु डीएसपी आशुतोष ने राजगीर में ट्रेनिंग ली थी उन्होनें कहा कि 'ट्रेनिंग सेंटर में शुरूआती दिनों में ही डिसिप्लिन (Discipline), डेडिकेशन (Dedication) और आचरण पर विशेष फोकस किया जाता है, ट्रेनिंग के शुरूआती दौर में ही हथियार चलाने, उसके रख-रखाव को लेकर प्रशिक्षुओं को ट्रेन्ड किया जाता है. ऐसे में भूलवश गोली चलने की बात पर सवाल तो उठेंगे ही.'
आखिर क्या कहता है पुलिस मैन्युअल?
निखिल की मौत के मामले में आरोपी डीएसपी अपने दो दोस्तों के साथ जेल में है और उसकी सर्विस रिवॉल्वर भी जब्त कर ली गई है. वहीं, इस बारे में क्रिमीनल लॉयर एसके सिंह ने कहा कि 'अगर भूलवश भी गोली चली है तो आम आदमी के मामले में भूल का ग्राउंड बनता लेकिन एक पुलिसकर्मी जिसने कुछ ही दिनों पहले ट्रेनिंग पूरी की है उससे ऐसी गलती की उम्मीद नहीं की जाती है, ये घटना पुलिस मैन्यूअल का उल्लंघन है और ऐसे मामलों में तत्काल प्रभाव से निलंबन का प्रावधान है. वहीं, कोर्ट में धारा 302 बी के तहत मुकदमा चलेगा जिसमें आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.'
क्या कहते हैं आशुतोष के साथी पुलिस वाले और सिमरी थाना इलाके के लोग?
जोश में होश गंवाने की एक गलती के कारण पुलिस अधिकारी से हत्या का आरोपी बन चुका आशुतोष कुमार रोहतास के चेनारी का रहनेवाला है और 56-59वीं बैच के बिहार पुलिस सेवा के अधिकारी हैं, इस साल फरवरी में आशुतोष प्रशिक्षु डीएसपी के तौर पर बक्सर के सिमरी थाना के प्रभारी बनाए गए थे. सिमरी थाना में पदस्थ पुलिसकर्मी घटना को लेकर अफसोस जता रहे हैं, तो इधर बक्सर एसपी के मुताबिक, आशुतोष ऑन ड्यूटी थे और किस परिस्थिति में जिले से बाहर गए इस पर शोकॉज किया जाएगा. बक्सर के एसपी ने इस मामले में मुख्यालय को भी पत्र लिखने की बात कही है.
मृतक निखिल के पिता सट्टेबाजी के खेल में अपने बेटे की हत्या का आरोप लगा रहे हैं तो आरोपी आशुतोष इसे भूलवश हुई घटना बता रहा है. इधर, एक पुलिस अधिकारी का अपनी सर्विस रिवॉल्वर के दुरुपयोग का मामला भी सामने आ रहा है. ऐसे में मृतक के पिता मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग कर रहे हैं.