Prayagraj: धर्मनगरी अयोध्या में चोरों ने टेंशन बढ़ाई है तो कभी माफिया अतीक अहमद का गढ़ रहे प्रयागराज में एक डॉन दहशत फैला रहा है. इस डॉन का नाम है निहाल कुमार और जुर्म की दुनिया इसे जानती है बच्चा पासी के नाम से. एक ऐसा इत्तेफाक भी है जो अतीक और बच्चा पासी को कनेक्ट करता है. आइये आपको बच्चा पासी की क्राइम कुंडली के बारे में बताते हैं.


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प्रयागराज का धूमनगंज


तारीख थी 24 फरवरी, साल था 2023 और इलाका था प्रयागराज का धूमनगंज. इसी इलाके में अतीक के बेटे असद और उसके गुर्गे गुड्डू मुस्लिम ने उमेश पाल का मर्डर कर दिया था. ये वही वारदात थी जिसके बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से भरी विधानसभा में हुंकार भरी थी कि माफिया को मिट्टी में मिला दिया जाएगा.


मिट्टी में मिला देंगे..


धूमनगंज उमेश पाल हत्याकांड के बाद ही अतीक अहमद और उसके गैंग की उल्टी गिनती शुरु हो गई थी. जो अतीक और अशरफ की मौत पर जाकर रुकी. इसी धूमनगंज से निकला है निहाल कुमार उर्फ बच्चा पासी. धूमनगंज के इसी इत्तेफाक ने एक बार फिर साबित कर दिया कि माफियाराज कभी खत्म नहीं होता. 


बच्चा पासी का कनेक्शन मुंबई के डॉन छोटा राजन से


बस माफिया की शक्ल और पहचान बदल जाती है. बच्चा पासी का कनेक्शन मुंबई के डॉन छोटा राजन से भी रहा है. लेकिन आज बच्चा पासी सुर्खियों में आया है प्रयागराज के धूमनगंज में एक वारदात की वजह से. दरअसल धूमनगंज की एक महिला ने कुछ ही दिन पहले बच्चा पासी और उसके गुर्गों के खिलाफ जमीन कब्जाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था.


बच्चा पासी ने महिला को दी धमकी


इसी मुकदमे में गवाही से पीछे हटने के लिए बच्चा पासी लगातार महिला के ऊपर दबाव बना रहा था. लेकिन जब महिला ने गैंगस्टर की धमकियों को दरकिनार कर दिया. तो बच्चा पासी ने महिला को उसके घर में घुसकर गोली मारने की धमकी दे डाली. किसी महिला को घर में घुसकर गोली मारने की धमकी.. ऐसी हिमाकत सिर्फ एक छंटा हुआ बदमाश ही कर सकता है. एक ऐसा क्रिमिनल जिसके अंदर कानून का खौफ खत्म हो गया हो और बच्चा पासी को ये हिमाकत हासिल हुई मुंबई में छोटा राजन गैंग के साथ जुड़कर.


निहाल कुमार उर्फ बच्चा पासी..


निहाल कुमार उर्फ बच्चा पासी ने जुर्म की दुनिया में अपना पहला कदम साल 2001 में रखा था. और जरिया बने थे शराब और ड्रग्स की तस्करी. लेकिन साल 2006 में वो छोटा राजन गैंग से बतौर शूटर जुड़ गया था. इसी साल वो कुख्यात काला घोड़ा शूटआउट में भी शामिल हुआ जिसमें छोटा राजन गैंग ने अपने विरोधी गैंग के दो क्रिमिनल्स को मार गिराया था. शूटआउट के बाद बच्चा पासी पुलिस के हत्थे भी चढ़ा. हालांकि कुछ वक्त बाद वो जेल से बाहर आया.


एक शूटर से स्थानीय नेता तक


लेकिन काला घोड़ा शूटआउट केस ने प्रयागराज के निहाल कुमार को बच्चा भाई उर्फ बच्चा पासी बना दिया. वो नाम जिसके जरिए आज वो प्रयागराज में अतीक गैंग की जगह हासिल करने की कोशिश कर रहा है. अतीक की ही तरह बच्चा पासी ने भी राजनीतिक संरक्षण हासिल करने के लिए पॉलिटिकल पिच पर पारी खेली. उसने पार्षद का चुनाव लड़ा और जीता भी. जिसके बाद बच्चा पासी ने अपनी पत्नी और बहन को भी चुनावी मैदान में उतारा. एक शूटर से स्थानीय नेता तक का सफऱ तय करने वाला बच्चा पासी आज भी प्रयागराज में लोगों को अपनी दहशत और दबंगई का एहसास करा रहा है.