Odisha: ओडिशा पुलिस ने अंग चोरी के आरोप के बाद 44-वर्षीय एक व्यक्ति का शव कब्र खोदकर निकाला है, ताकि उसका पोस्टमार्टम कराया जा सके. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है. अधिकारी ने बताया कि कालाहांडी जिले में एक सड़क दुर्घटना में बाबूला दिगल की मौत हो गई थी. मृतक के बेटे की शिकायत पर पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बेटे का दावा
अधिकारी ने बताया कि मृतक के बेटे ने दावा किया कि सड़क हादसे में उसके पिता के सिर में चोटें आई थीं, जिसके बाद कटक के एक निजी अस्पताल में उनका (पीड़ित का) इलाज कराया गया, लेकिन उनके पेट में सर्जरी के निशान पाए गए. बेटे ने आरोप लगाया, ‘‘हमें संदेह है कि अस्पताल के अधिकारियों ने मेरे पिता के कुछ अंग निकाले हैं.’’


पुलिस ने क्या बताया मामला
पुलिस अधिकारी ने बताया कि व्यापारी दिगल जब 13 अक्टूबर को अपनी पत्नी और बेटे के साथ मोटरसाइकिल से रामपुर की ओर जा रहे थे, तभी लोहे की छड़ से लदे एक मिनी ट्रक में टकरा जाने से उनके सिर में चोट लग गई थी. अधिकारी ने बताया कि पीड़ित को कटक के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और 16 अक्टूबर को उनकी मौत हो गई. अधिकारी के अनुसार, अस्पताल प्रशासन ने बिना पोस्टमार्टम कराए ही उनका शव परिजनों को सौंप दिया तथा कटक के स्थानीय पुलिस थाने को भी उसकी मौत की सूचना नहीं दी.


कब्र से निकाला गया शव
पुलिस ने बताया कि मृतक के परिवार के सदस्यों ने कंधमाल जिले के बालीगुडा पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत टिकाराबाजू स्थित कब्रिस्तान में 17 अक्टूबर को उसका शव दफना दिया था. बालीगुडा पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक सुशांत साहू ने बताया कि शव को कब्रिस्तान से निकाल लिया गया है और उप-मंडलीय अस्पताल में इसका पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. उन्होंने कहा, “हम अंग चोरी के संबंध में मृतक के बेटे के आरोप की भी जांच कर रहे हैं.


अस्पताल ने क्या कहा?
पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही सारी जानकारी मिल पाएगी.’’ इस बीच, कंधमाल में शिकायत के बाद भुवनेश्वर-कटक आयुक्तालय पुलिस की एक टीम जांच के लिए कटक के निजी अस्पताल पहुंची. अस्पताल प्रशासन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि उनके चिकित्सकों ने व्यक्ति की ‘डिकम्प्रेसिव क्रेनिएक्टोमी’ (एक न्यूरोसर्जिकल प्रक्रिया) की थी.


सरकार के मंत्री क्या बोले?
निजी अस्पताल के प्रबंधक सुशांत बेहरा ने कटक में संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमारे चिकित्सकों ने इलाज के दौरान मरीज की स्थिति के बारे में उसके परिवार के सदस्यों को भी जानकारी दी थी.’’ इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग ने कहा कि उन्होंने आरोपों की विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि यदि मामले में कोई भी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. भाषा प्रीति सुरेश