Kerala High Court ने अपने नाबालिग बेटे का यौन उत्पीड़न करने वाली आरोपी मां को दी जमानत
Kerala: केरल हाई कोर्ट ने कहा कि अगर एसआईटी को लगे तो बच्चे को मामले की जांच पूरी होने तक उसके पिता से अलग बाल कल्याण समिति के किसी गृह में रखा जा सकता है. इस मामले में ममता की पवित्रता पूरी तरह से तार-तार हुई है. मां 9 महीने तक बच्चे को अपने गर्भ में रखती है. इसलिए मां और बच्चे का संबंध बच्चे के पैदा होने से पहले से ही होता है.
कोच्चि: केरल हाई कोर्ट ने कथित रूप से अपने नाबालिग बेटे का यौन उत्पीड़न करने वाली महिला को शुक्रवार को जमानत दे दी. आरोपी मां को पॉक्सो एक्ट के तहत अरेस्ट किया गया था. मां पर ऐसे गंभीर आरोप लगने के बाद कोर्ट ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
SIT करेगी यौन उत्पीड़न के मामले की जांच
केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) ने महिला पर लगे आरोपों को दुर्लभ और गंभीर बताते हुए केरल के पुलिस (Police) प्रमुख को जांच के लिए किसी महिला आईपीएस ऑफिसर को नियुक्त करने और उनके नेतृत्व में एसआईटी बनाने का निर्देश दिया.
मामले की सुनवाई करते हुए केरल (Kerala) हाई कोर्ट ने कहा कि अगर किसी ने बच्चे को अपनी मां के ऊपर इतने गंभीर आरोप लगाने के लिए मजबूर किया है तो उसके खिलाफ भी मामला दर्ज करके कार्रवाई की जाए. अगर एसआईटी को लगे तो बच्चे को मामले की जांच पूरी होने तक उसके पिता से अलग बाल कल्याण समिति के किसी गृह में रखा जा सकता है.
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कोर्ट की मामले पर टिप्पणी
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में ममता की पवित्रता पूरी तरह से तार-तार हुई है. मां 9 महीने तक बच्चे को अपने गर्भ में रखती है. इसलिए मां और बच्चे का संबंध बच्चे के पैदा होने से पहले से ही होता है.
केरल हाई कोर्ट ने कहा कि मां के अपने बच्चे से निस्वार्थ प्रेम, लगाव और अपनेपन की तुलना दुनिया में किसी भी प्रकार के प्रेम से नहीं की जा सकती. कोर्ट ने आरोपी महिला को जमानत देते हुए कहा कि कोई भी मां अपने बच्चे के साथ ऐसा नहीं कर सकती है.
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गौरतलब है कि केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के कडक्कावूर की रहने वाली महिला को अपने नाबालिग बेटे के यौन उत्पीड़न के आरोप में 28 दिसंबर को अरेस्ट किया गया था. दिसंबर 2019 में नाबालिग बच्चे को दुबई के शारजाह में उसके पिता के पास भेज दिया गया था. शारजाह में किसी अन्य महिला के साथ रह रहे आरोपी महिला के पति ने इस मामले में शिकायत दाखिल की थी.
शिकायतकर्ता के मुताबिक, बच्चे ने पिता को कथित रूप से इस बारे में बताया था. पुलिस ने बच्चे की काउंसलिंग करने वाले सीडब्ल्यूसी अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट दाखिल किए जाने के बाद मामला दर्ज किया था.
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