फरीदाबाद: निकिता तोमर मर्डर केस (Nikita Tomar Case) में फरीदाबाद की फास्ट ट्रैक कोर्ट (Faridabad Court Verdict) ने शुक्रवार को अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने मुख्य आरोपी तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. जबकि तीसरे आरोपी अजरुद्दीन को बरी कर दिया गया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जान लें कि आज से ठीक 5 महीने पहले 26 अक्टूबर 2020 को दोपहर 3:45 बजे फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में कॉलेज से लौट रही निकिता तोमर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अब 5 महीने बाद उसी समय उसके हत्यारों को सजा सुनाई गई.


कोर्ट में दोषियों को फांसी देने की मांग


बता दें कि पीड़ित पक्ष ने दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की थी. जबकि बचाव पक्ष ने उनकी उम्र को देखते हुए कम से कम सजा देने की मांग की. इससे पहले कोर्ट ने 24 मार्च, 2021 को मुख्य आरोपी तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को दोषी करार दिया था. जबकि मामले में तीसरे आरोपी अजरुद्दीन को कोर्ट ने बरी कर दिया था. अजरुद्दीन पर आरोप था कि उसने तौसीफ और रेहान को हथियार सप्लाई किए थे.


निकिता तोमर की मां ने की ये मांग


कोर्ट का फैसला आने से पहले निकिता तोमर की मां ने ज़ी मीडिया से बातचीत में कहा कि दोषियों को फांसी की सजा ही होनी चाहिए. इससे कम कुछ भी मंजूर नहीं है. ऐसे अपराधी समाज में रहने लायक नहीं हैं.


ये भी पढ़ें- ससुराल के साथ सद्दाम हुसैन वाली साजिश? साली और सास की मौत, पत्नी कोमा में


कम उम्र का हवाला देकर कोर्ट में दोषियों के लिए कम सजा की मांग करने पर निकिता की मां ने कहा कि अगर इन लोगों को फांसी नहीं होती है तो ये फिर से अपराध करेंगे. इसलिए मौत की सजा ही होनी चाहिए. कम उम्र का अपराध से कोई लेना-देना नहीं है.


गौरतलब है कि निकिता की मां इस मामले की मुख्य गवाह हैं. उनके आंखों के सामने ही उनकी बेटी निकिता तोमर की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी.


(इनपुट- राजू राज)


LIVE TV