परंपरा के नाम पर कहां नए कपड़े पहन खेलते हैं जुआ? सालों-साल इस दिन का करते हैं इंतजार
Odisha: परंपरा के नाम पर सैकड़ों लोग खेल रहे थे जुआ. पुलिस ने 315 को किया गिरफ्तार, लाखों की नकदी, बाइक और कारें भी की जब्त. जानें दशहरे के त्योहार के बाद लोग अक्सर जुआ खेलने में कहां होते हैं शामिल, क्या है इसकी मान्यताएं.
Gambling In Odisha: ओडिशा के गंजम जिले में पिछले दस दिनों में की गई छापेमारी के दौरान कथित तौर पर जुआ खेलने के आरोप में कुल 315 लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनके कब्जे से 12.98 लाख रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी बरामद की गई है. पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छापेमारी के दौरान 115 मोबाइल फोन, 56 मोटरसाइकिल और तीन कारें भी जब्त की गई हैं. ्उर
54 मामले दर्ज
उन्होंने बताया कि उड़ीसा जुआ निवारण अधिनियम के तहत 54 मामले दर्ज किये गए हैं. गंजम में दशहरे के त्योहार के बाद लोग अक्सर जुआ खेलने में शामिल हो जाते हैं और ऐसी गतिविधियां कुमार पूर्णिमा तक जारी रहती हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि जुआ खेलना “कुमार पूर्णिमा के उत्सव का एक हिस्सा है और जिले के लगभग सभी गांवों में कुछ लोग ऐसी गतिविधियों में शामिल होते हैं.’’
धन की देवी को खुश करने का तरीका?
दिन में देवी महालक्ष्मी (धन की देवी) की पूजा की जाती है, जबकि लोग त्यौहार की रात में जुआ खेलते हैं. हालांकि ऐसी अवैध गतिविधियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी होती है. बेरहामपुर विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर भगवान साहू ने बताया, ‘‘कई लोगों का मानना है कि इस दिन जुआ खेलने से उन्हें देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है.
नए कपड़े पहन खेलते जुए?
वे नये कपड़े पहनते हैं और जुआ खेलते हैं. कुमार पूर्णिमा के दिन जिले में इस तरह की गतिविधियां परंपरा के रूप में कई वर्षों से चली आ रही हैं.’’ बेरहामपुर के पुलिस अधीक्षक सरवन विवेक एम. ने बताया, ‘‘पुलिस ने जिले के विभिन्न इलाकों में जुआं खेलने पर नकेल कसी है. हम परंपरा के नाम पर जुआ खेलने की इजाजत नहीं दे सकते.” (इनपुट भाषा से)