पूर्णिया: जमीन विवाद में चली गोली, शख्स पर लगा भाई की हत्या का आरोप
Purnia News: पूर्णिया में दो भाइयों के बीच 18 एकड़ जमीन को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद में एक भाई ने दूसरे भाई की जान ले ली.
Purnia: बिहार में जमीन विवाद (Land Dispute) में आए दिन हत्या होती रहती है, कुछ दिन पहले ही जमीन को लेकर नालंदा में 5 लोगों की हत्या कर दी गई थी. अभी ताजा मामला पूर्णिया (Purnia Land Dispute) के कसबा थाना क्षेत्र से आ रही है, जहां 18 एकड़ जमीन को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद में एक शख्स की हत्या हो गई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कसबा थाना क्षेत्र का सबदलपुर गांव के दयानंद ठाकुर और नरेश ठाकुर के बीच 18 एकड़ जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था, जिसको लेकर नरेश ठाकुर ने दयानंद ठाकुर को जान से मारने की धमकी दी थी.
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धमकी मिलने के बाद दयानंद ठाकुर ने इसकी शिकायत थाने में करने की सोची, और अगले दिन थाने में शिकायत दर्ज करने के लिए जा ही रहे थे कि रास्ते में घात लगाकर बैठे कुछ लोगों ने ताबड़तोड़ फायिरंग शुरू कर दी. इस फायरिंग में दयानंद ठाकुर को तीन गोली लगी जिससे उनकी मौत मौके पर हो गई.
हत्या के बाद मृतक की पुत्री का बयान
घटना के बाद मृतक की बेटी ने कहा कि उसके पिता दयानंद ठाकुर का 18 एकड़ जमीन को लेकर उसके चाचा नरेश ठाकुर के साथ लंबे समय से विवाद चल रहा था. जमीन को लेकर भाई-भाई के बीच इस विवाद में नरेश ठाकुर ने दयानंद ठाकुर को जान से मारने की धमकी दी थी. जान से मारने की धमकी मिलने के अगले ही दिन दयानंद ठाकुर कसबा थाने में शिकायत करने जा रहे थे कि घर से महज एक किलोमीटर दूर खोपाकट्टी के पास पहले से घात लगाए कुछ लोगों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी.
इस घटना में तीन गोली दयानंद ठाकुर को लगी और उनकी मौत हो गई. पिता की हत्या के बाद बेटी ने चाचा नरेश ठाकुर के अलावा प्रोमद मिश्रा, चंदन मिश्रा, विक्रम झा, नीरज झा, आशीष झा सहित कई और रिश्तेदार पर हत्या का आरोप लगाया. जिसके बाद से पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
60% अपराध का कारण जमीन से जुड़ा विवाद है
बता दें कि जमीन विवाद में आए दिन बिहार में हत्या होती रहती है. इसको लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी कह चुके हैं कि 60% अपराध का कारण जमीन से जुड़ा विवाद हैं. इस तरह के जमीन विवाद को निपटाने के लिए सीएम लगातार जरूरी कदम भी उठा रहे है. इसी कड़ी में बंटवारे से जुड़े विवादों का निपटारा करने के लिए राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने 'सहमति' वाले विकल्प पर विचार शुरू किया है.
राजस्व विभाग की योजना है कि अगर किसी जमीन को लेकर 10 हिस्सेदार हैं और उनमें से 5 या 6 लोग सहमति से विवाद को खत्म करना चाहते हैं तो ऐसे में बहुमत से फैसला किया जाएगा और राजस्व विभाग ऐसे मामलों में पक्षकारों से एक सहमति पत्र लेगा. इसको लेकर नियमों में बदलाव के साथ नया कानून लाने की योजना बनाई जा रही है.
(इनपुट- मनोज)
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