Gogamedi Murder Case: `कातिल` गिरफ्तार, पर कौन है असली किरदार? जानिए कैस रची गई सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड की साजिश
Sukhdev Singh Gogamedi Murder Case Mastermind: सुखदेव सिंह गोगामेड़ी मर्डर केस के मास्टरमाइंड को लेकर बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने आज 3 लोगों को पकड़ा है. सवाल है कि असली गुनहगार तक पुलिस कब पहुंचेगी.
Gogamedi Killing Mastermind: सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या का राज खुल गया है. दिल्ली और राजस्थान पुलिस ने तीन ऐसे आरोपी दबोचे हैं जिनकी जुबान से हत्या के मास्टरमाइंड के नाम खुलासा हो गया है. इस सनसनीखेज हत्याकांड में एक गैंगस्टर का भी नाम आ रहा है जिस तक पहुंचने की कवायद पुलिस ने शुरू कर दी है. राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड (Sukhdev Singh Gogamedi Murder Case) की गुत्थी सुलझ गई है. पुलिस ने रोंगटे खड़े करने वाले इस मर्डर केस में नई लीड हासिल कर ली. 5 दिसंबर को जयपुर के श्याम नगर में दो शूटर्स नितिन फौजी और रोहित राठौड़ ने गोगामेड़ी को उनके घर पर ही गोलियों से भून दिया था. जानकारी मिली है कि इस हत्या का मास्टरमाइंड रोहित गोदारा है और वह इस वक्त विदेश में है.
कैसे रची गई सुखदेव की हत्या की साजिश?
जानकारी के मुताबिक, सुखदेव गोगामेड़ी हत्याकांड का मास्टरमाइंड विदेश में बैठा है. राजस्थान का कुख्यात गैंगस्टर रोहित गोदारा ही मास्टरमाइंड है. रोहित गोदारा ने सुखदेव की हत्या का टास्क और शूटर अरेंज करने की जिम्मेदारी अपने राइट हैंड मैन वीरेंद्र चारन को दी थी. वीरेंद्र चारन के साथ राजस्थान की जेल में रोहित राठौड़ बंद था. रोहित राठौड़ रेप के केस में अजमेर जेल में वीरेंद्र चारन के साथ बंद था. रोहित ने पूछताछ में बताया कि उसके ऊपर रेप का केस दर्ज था, जिसमें सुखदेव उसके खिलाफ पैरवी कर रहे थे. जिससे वो सुखदेव से गुस्से में था. रोहित के गुस्से का फायदा वीरेंद्र चारन ने उठाया और सुखदेव की हत्या के लिए रोहित को तैयार किया.
पहले गोवा और फिर विदेश भागने का था प्लान
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड केस में बड़ा खुलासा हुआ है. शूटर नितिन और रोहित को हत्या से पहले 50-50 हजार रुपये मिले थे. चंडीगढ़ के बाद दोनों का गोवा जाने का प्लान था. गोवा के बाद साउथ इंडिया के इलाकों में छिपते और इसी दौरान पासपोर्ट और इनके विदेश जाने का इंतजाम होना था. लेकिन इससे पहले ही पकड़े गए.
सुखदेव के साथ नवीन को क्यों मारी गोली?
सुखदेव गुगामेडी हत्याकांड पर बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों ने बताया कि हत्या करने से करीब एक हफ्ते पहले साजिश रची गई थी. मृतक नवीन शेखावत ने रेकी की थी. नवीन शेखावत भी हत्या की साजिश में शामिल था. नवीन शेखावत को गोली क्यों मारी गई इसका खुलासा भी हुआ है. सीसीटीवी में देख सकते हैं, जब फायरिंग की जा रही थी तब नवीन डर की वजह से रोकने की कोशिश कर रहा था. लेकिन हालात कुछ ऐसे बन गए की नवीन शेखावत को गोली मारनी पड़ गई.
कौन है नितिन फौजी?
जान लें कि आज गिरफ्तार किए गए नितिन फौजी पर हरियाणा के महेंद्रगढ़ में किडनैपिंग का केस दर्ज है. नितिन फौजी भी जेल में रहने के दौरान वीरेंद्र चारन के संपर्क में आया था. नितिन को विदेश जाना था और वहीं पर सेटल होना था. वीरेंद्र चारन ने नितिन को विदेश सेटल होने का भरोसा दिया था. हत्याकांड के लिए दोनों शूटर तैयार हुए. दोनों शूटर लगातार वीरेंद्र चारन के संपर्क में थे. हत्याकांड के पहले और बाद में भी वीरेंद्र ने अपने गुर्गों के जरिए दोनों शूटरों को जयपुर में हथियार भिजवाया था. दोनों शूटर्स ने बताया कि हत्याकांड के बाद जयपुर के पास एक होटल के करीब हथियार दबाए हैं. पुलिस हथियार बरामद करेगी.
72 घंटे के अल्टीमेटम के बाद पकड़े गए आरोपी
राजस्थान में सत्ता बदलने के 2 दिन बाद हुई इस हत्या ने सबको सकते में डाल दिया था. सूबे की कानून-व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया गया था. हत्या के खिलाफ गोगामेड़ी के समर्थक सड़क पर उतर आए थे. समर्थकों ने पुलिस-प्रशासन को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. लेकिन इस अल्टीमेटम के खत्म होने के दूसरे दिन ही दोनों शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौड़ पकड़ लिए गए हैं.
कैसे पकड़े गए सुखदेव के 'हत्यारे'?
दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक, गोगामेड़ी के शूटर्स को दिल्ली और राजस्थान पुलिस ने एक ज्वाइंट ऑपरेशन में गिरफ्तार किया है. पुलिस की टीम ने दोनों शूटर्स नितिन फौजी और रोहित राठौड़ के साथ उनके तीसरे साथी उधम को भी दबोच लिया है. उधम गोगामेड़ी की हत्या के बाद नितिन और रोहित की फरारी के वक्त से ही साथ था. पुलिस ने तीनों को चंडीगढ़ के सेक्टर 22 के एक होटल से गिरफ्तार किया है. पुलिस को आरोपियों के पास से मोबाइल फोन बरामद हुआ है.
हत्यारों की फरारी का रूट
हत्या को अंजाम देने के बाद पिछले 5 दिनों से ये दोनों आरोपी पुलिस से बचने की तमाम कोशिशें कर रहे थे. लेकिन एक सुराग ने इनकी इस कवायद पर पानी फेर दिया. दोनों शूटर पुलिस को चकमा देने के लिए एक शहर से दूसरे शहर लगातार शिफ्ट हो रहे थे. गोगामेड़ी के मर्डर के बाद सबसे पहले दोनों ट्रेन के जरिए जयपुर से हिसार पहुंचे. हिसार से फिर बस पकड़कर हिमाचल प्रदेश के मनाली पहुंच गए. मनाली में इन दोनों के साथ उधम भी आ गया और फिर तीनों मंडी के लिए निकल पड़े. मंडी के बाद तीनों चंडीगढ़ पहुंच गए. लेकिन चंडीगढ़ में पुलिस ने तीनों को दबोच लिया.