Satish Sail Congress MLA: बेंगलुरु की एक अदालत ने 2009-10 के दौरान बेलेकेरी बंदरगाह से लौह अयस्क की चोरी और अवैध निर्यात के मामले में कांग्रेस विधायक सतीश कृष्णा सैल को सात साल की सजा और भारी जुर्माना सुनाया है. जनप्रतिनिधियों से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत ने 24 अक्टूबर को करवार के विधायक कृष्णा (58) और छह अन्य को दोषी ठहराया था.


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विधानसभा सदस्यता पर खतरा मंडरा


इस फैसले के बाद, अब दो बार के विधायक सैल की विधानसभा सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा है. श्री मल्लिकार्जुन शिपिंग प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में सैल को चोरी, आपराधिक षड्यंत्र, और धोखाधड़ी के आरोपों में दोषी पाया गया. 2010 में, बेल्लारी में अवैध खनन से करोड़ों रुपये का लौह अयस्क बेलेकेरी बंदरगाह पर जमा किया गया था, जिसे अधिकारियों की मिलीभगत से चीन भेज दिया गया.


सात साल की सजा और जुर्माना भी


मामले में अन्य दोषियों में तत्कालीन बंदरगाह उप संरक्षक महेश जे बिलिये, आशापुरा माइनकेम के प्रबंध निदेशक चेतन शाह, केवी नागराज उर्फ ​​स्वास्तिक नागराज, केवीएन गोविंदराज, वेंकटेश्वर मिनरल्स के पार्टनर कारापुडी महेश कुमार और लाल महल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रेम चंद गर्ग शामिल हैं. अदालत ने बिलिये को आपराधिक विश्वासघात और षड्यंत्र का दोषी मानते हुए सात साल की सजा और छह करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया.


अदालत ने चोरी से संबंधित एक मामले में दोषियों को अतिरिक्त तीन वर्ष की सजा सुनाई तथा सरकार को जुर्माने की राशि वसूलने का आदेश दिया. दूसरे मामले में अदालत ने सैल को सात साल की अतिरिक्त सजा सुनाई और छह करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. तीसरे मामले में सभी आरोपियों को पांच साल की जेल और 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया, साथ ही धोखाधड़ी करने के लिए कुल 9.36 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया. चौथे मामले में, सैल, बिलिये और नागराज को धोखाधड़ी के लिए पांच साल और सात साल की सजा सुनाई गई, साथ ही 9.54 करोड़ रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया गया. agency input