Renu Sinha Murder: रेनू मर्डर केस में पुलिस की लीपापोती आई सामने, आरुषि हत्याकांड की तरह यहां भी..
Renu Sinha Murder Case: सुप्रीम कोर्ट की वकील रेनू सिन्हा की हत्या के मामले में पुलिस की कार्यशैली ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि खाकी को अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है.
Renu Sinha Murder Case: सुप्रीम कोर्ट की वकील रेनू सिन्हा की हत्या के मामले में पुलिस की कार्यशैली ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि खाकी को अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है. मामले की गंभीरता को भांपे बिना पुलिस ने एक बार लेटलतीफी का परिचय फिर दे दिया है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पुलिस को घटना के बारे में दोपहर में सूचना दी गई और पुलिस लगभग शाम के 7 बजे मौके पर पहुंची. ठीक उसी तरह जब आरुषि की हत्या की गई थी तब पुलिस घर की तलाशी लिए बिना हेमराज को दूर-दराज तक खोजने में लगी रही थी. और अगले दिन हेमराज की डेड बॉडी घर की छत पर मिली थी.
पति ने बेरहमी से कर दी हत्या
पहले रेनू सिन्हा की हत्या के बारे में बताते हैं. रेनू सिन्हा हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकालत करती थीं. उनके पति नितिन नाथ सिन्हा भारतीय सूचना सेवा यानी आईआईएस के लिए काम करते थे. दोनों पति-पत्नी नोएडा के सेक्टर 30 स्थित कोठी नंबर डी40 में रह रहे थे. इन दोनों के अलावा यहां कोई नहीं रहता था. रेनू का पति कोठी बेचकर विदेश में रहने की योजना बना रहा था. और रेनू पति की इस चाहत के खिलाफ थीं. यहीं कारण था कि पति ने रेनू को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया.
भाई को अनहोनी का शक
अब आपको बताते हैं रेनू की हत्या के बाद ऐसा क्या हुआ कि पुलिस की लापरवाही की चर्चाओं ने जोर पकड़ किया. रेनू की हत्या की जानकारी से दो दिन पहले से रेनू और उनके पति रेनू के परिजनों के फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहे थे. दो दिन तक रेनू ने फोन नहीं पिक किया तो उनके भाई को अनहोनी का शक हुआ.
जीजा पर जताया शक
रेनू के भाई ने फिर पुलिस का सहारा लिया. जिस दिन घटना का खुलासा हुआ उस दिन रेनू के भाई दोपहर में ही पुलिस के पास पहुंच गए थे. उन्होंने रेनू के फोन कॉल पिक न होने की जानकारी पुलिस को दी. 10 सिंतबर 2023 की दोपहर रेनू के भाई ने पुलिस से कहा कि उनकी बहन का फोन दो दिन से लगातार ट्राई किया जा रहा है. रिंग तो जा रही है लेकिन रेनू फोन पिक नहीं कर रही हैं. उन्होंने अनहोनी का अंदेशा जताते हुए अपने जीजा पर शक जताया. रेनू का परिवार नितिन और रेनू के मतभेद से वाकिफ था.
पुलिस की लेटलतीफी
पुलिस को इतना जान लेने के बाद मुस्तैदी दिखानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. यहां एक बात और जोड़ना बेहद जरूरी है कि पुलिस को रेनू और उनके पति के फोन का लोकेशन भी एक साथ मिल गया था. इसके बावजूद भी पुलिस ने घर की तलाशी लेने की जहमत नहीं उठाई. रेनू के परिजनों ने पुलिस पर दबाव बनाना जारी रखा. इसके बाद पुलिस शाम तकरीबन 7 बजे रेनू के घर पहुंची. यहां पहुंचने के बाद पुलिस के पास घर का ताला तोड़ने का इंतजाम नहीं था, उसके लिए भी रेनू के परिजनों को कोशिश करनी पड़ी.
हो सकता था आरुषि हत्याकांड जैसा हश्र
दो घंटे की कोशिशों के बाद घर का ताला तोड़ा जा सका. रेनू का शव घर के बाथरूम में मिला. रेनू का पति नदारद था. पुलिस ने पूरे घर की तलाशी ली लेकिन नितिन का कोई निशान नहीं मिला. ये सब करते-कराते रात के 12 बज गए. यहां से पुलिस एक्टिव हुई और घर में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला. जिसमें यह सामने आया कि नितिन पिछले 24 घंटों में घर से बाहर नहीं गया था. फिर से घर की तलाशी ली गई तो नितिन घर के स्टोर रूम में छिपा मिला. यही कारण है कि हमें आरुषि हत्याकांड का जिक्र करना पड़ा क्योंकि पुलिस की शुरुआती कार्रवाई को ध्यान में रखा जाए तो इस मामले का भी वैसा ही हश्र देखने को मिल सकता था.