UP Police News: रक्षक ही भक्षक बन जाए तो आम आदमी इंसाफ पाने के लिए कहा जाए. पुलिस कहीं की भी हो, किसी भी राज्य की हो वो अक्सर गलत वजहों से ही सुर्खियों में रहती है. हालांकि कुछ अपवाद भी होते हैं, यानी पुलिसवालों की नेकनियती, जाबांजी और दरियादिली की खबरें भी अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती है. इसके बावजूद पुलिस को हमेशा संदेह की नजरों से देखा जाता है, इस मानसिकता में अभी कुछ खास कमी नहीं आई है. कुछ ऐसी ही बातों को ध्यान में रखते हुए यूपी की आगरा पुलिस ने खाकी को दागदार करने वालों पर गाज गिराते हुए बड़ा एक्शन लिया है.


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एक दिन में 55 सस्पेंड


आगरा में भ्रष्टाचार और काम में लापरवाही को लेकर 55 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इनमें से 16 को पासपोर्ट सत्यापन प्रक्रिया में लापरवाही को लेकर निलंबित किया गया है। ये 16 पुलिसकर्मी न्यू आगरा थाने, हरिपारवट, शाहगंज और कमला नगर थाने में तैनात थे. पुलिस ने कहा कि आगरा के पुलिस आयुक्त को पासपोर्ट सत्यापन में गड़बड़ी की कई शिकायतें मिली थीं जिनका फीडबैक इकाई से सत्यापन कराया गया था.


स्ट्राइक रेट की चर्चा


पुलिस उपायुक्त (पूर्व) ने पासपोर्ट सत्यापन में देरी को लेकर शम्साबाद थाने की एक महिला परिवीक्षा उपनिरीक्षक तथा डौकी थाने के एक हेडकांस्टेबल को भी निलंबित कर दिया है. पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) सोनम कुमार द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार सरकारी कार्य में देरी और अपनी भूमिका में ढिलाई बरतने के आरोप में उपनिरीक्षक, लिपिक और कांस्टेबल समेत 23 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. साइबर थाने के चार लिपिक और एक सिपाही समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.


उत्तर प्रदेश पुलिस भारत के सबसे पुराने पुलिस विभागों में से एक होने के साथ दुनिया की सबसे बड़ी पुलिस फोर्स है. इसमें तीन लाख से ज्यादा पुलिसकर्मी और अधिकारी हैं. एक ही दिन में एक ही जिले में 55 पुलिसवालों का निलंबन का स्ट्राइक रेट देखते हुए कहा जा सकता है कि जनता और पुलिस के बीच विश्वास बहाली की दिशा में उठाया गया ये एक ऐसा कदम है, जिससे लोग सीख लेंगे.


(इनपुट: न्यूज़ एजेंसी पीटीआई भाषा)