UP Police Tenants Verification App: कहीं आपका किराएदार पेशेवर खूनी, ड्रग तस्कर, जुआरी, शराब का अवैध कारोबारी या भिखारी तो नहीं है, ऐसा यूपी पुलिस के UPCOP मोबाइल ऐप में पूछा जा रहा है. ये बात सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है और लोग इसपर अलग-अलग तरह के रिएक्शन दे रहे हैं. दरअसल, यूपी पुलिस की एक ऐप UPCOP है, जिसपर किराएदारों के वेरिफिकेशन के लिए रजिस्टर किया जाता है. लेकिन, इस ऐप में किराएदारों के प्रोफेशन के जो ऑप्शन दिखे वह हैरानी में डालने वाले हैं. हालांकि, यूपी पुलिस ने अब जवाब दिया है कि ऐसी गलती कैसे हो गई. इसका कारण क्या है.


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UP पुलिस के ऐप में गड़बड़ी


TOI में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, UPCOP ऐप में गड़बड़ी पर यूपी पुलिस ने सफाई दी है और कहा कि ऐप का ड्रॉपडाउन, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के मास्टर डेटा पर आधारित है. अन्य राज्यों ने भी इस बारे में एजेंसी के सामने उठाया है. हम इसे ठीक करने के लिए उनकी मदद ले रहे हैं. पहले यह साफ नहीं था कि NCRB, जो पुलिस की तरफ से दर्ज किए गए आपराधिक मामलों को दर्ज करता है, उसका प्रोफेशन से क्या लेना-देना है.


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NCRB डेटा का करता है इस्तेमाल


दरअसल, UPCOP ऐप का इस्तेमाल शिकायत दर्ज कराने और एफआईआर दर्ज कराने के लिए भी किया जाता है, इसलिए यह IPC धाराओं के तहत अपराधों को बताने के लिए NCRB डेटा का इस्तेमाल करता है. इसी की वजह से UPCOP ऐप में किराएदारों के प्रोफेशन में शराब तस्कर, स्मगलर और हाउसवाइफ जैसे ऑप्शन दिखे.


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UPCOP ऐप किस काम आता है?


गौरतलब है कि  UPCOP ऐप ऑनलाइन सेवाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए किया गया था. इसमें किराएदारों के वेरिफिकेशन के अलावा, साइबर क्राइम और लूट की शिकायतें दर्ज करने का भी ऑप्शन है. इसका इस्तेमाल कर्मचारी वेरिफिकेशन, पुलिस वेरिफिकेशन और कैरेक्टर सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के साथ-साथ विरोध प्रदर्शन, अन्या कार्यक्रमों और फिल्म की शूटिंग की इजाजत के लिए भी किया जाता है.