नई दिल्ली. भारत में बेटियों को लेकर एक खास रूढ़िवादी सोच रही है. हालांकि बड़े शहरों में अब यह सोच बदलने के साथ, छोटे शहरों में भी बदल रही है. यही वजह है कि अब छोटे शहरों की लड़कियां भी इतिहास रच रही हैं. इस बात का अंदाजा हरियाणा के रोहतक जिले से आई एक खबर से लगाया जा सकता है. यहां की रहने वाली 26 वर्षीय अभिलाषा बराक भारतीय सेना में फाइटर प्लेन की पहली महिला पायलट बनी हैं.  


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अभिलाषा दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं. वह उन 37 आर्मी ऑफिसर में शामिल हैं, जिन्होंने यहां कॉम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण पूरा किया. अभिलाषा सहित 37 आर्मी ऑफिसर्स को बुधवार को लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सूरी, महानिदेशक और कर्नल कमांडेंट, सेना की अध्यक्षता में कॉम्बैट एविएटर्स कोर्स के समापन समारोह में एविएशन विंग्स प्रस्तुत किए किया गया.


लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सूरी ने CATS में बुधवार के समापन समारोह को एक महत्वपूर्ण अवसर और ऐतिहासिक दिन बताया. उन्होंने कहा कि पहली महिला हेलीकॉप्टर पायलट अपने पुरुष समकक्षों के साथ कदम से कदम मिलाकर कठोर विमानन प्रशिक्षण लिया. इसके बाद ही उन्हें एविएशन विंग्स प्रस्तुत किया गया.


आपको बता दें कि पिछले साल जनवरी में भारतीय सेना ने महिलाओं को लड़ाकू विमानवाहक के रूप में शामिल करने की घोषणा की थी. कैप्टन बराक 2018 में चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) के माध्यम से भारतीय सेना में शामिल हुई थीं. उन्होंने स्वेच्छा से फाइटर पायलट की ट्रेनिंग लेने का फैसला किया था. 


कैप्टन बराक को प्री-आर्मी पायलट कोर्स में पहला स्थान हासिल करने के लिए नवेली ट्रॉफी से भी नवाजा गया है. वहीं, बेस्ट इन गनरी के लिए कैप्टन पीके गौर ट्रॉफी कैप्टन आर के कश्यप को दी गई, जबकि कैप्टन आशीष कटारिया को ओवरऑल ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम स्थान के लिए सिल्वर चीता ट्रॉफी और बेस्ट इन फ्लाइंग के लिए कैप्टन एस के शर्मा ट्रॉफी मिली. कैप्टन श्रवण मणिलथया पीएम को ग्राउंड सब्जेक्ट कैटेगरी में पहला स्थान हासिल करने के लिए एयर ऑब्जर्वेशन पोस्ट 35 ट्रॉफी मिली.