Career Options After 12th Commerce: स्टूडेंट लाइफ के सबसे महत्वपूर्ण फैसलों में से एक होता है यह डिसीजन लेना कि वो ग्रेजुएशन के बाद कौन सा करियर बनाना चाहते हैं. खासतौर पर कॉमर्स के स्टूडेंट के लिए ये फैसला लेना और भी ज्यादा मिश्किल हो जाता है. हालांकि, आजकल  किसी भी फील्ड में ढेरों अवसर हैं, वहीं, 12वीं कॉमर्स के बाद बेहतर  करियर विकल्पों की एक लंबी लिस्ट है.


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हालांकि, हर कोई कॉमर्स में मिलने वाली बेहतर अपॉर्चुनिटी के बारे में नहीं जानता है, इसलिए कई छात्र अपने साथियों, परिजनों  के बताए गए रास्ते पर चलना शुरू कर देते हैं. इसलिए सही करियर खोजने में कुछ समय बिताने की सलाह दी जाती है. यहां हम आपको कॉमर्स के कुछ शीर्ष करियर के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिनमें आपकी रुचि हो सकती है.


अपने करियर के लिए निर्णय लेने से पहले अपना दृष्टिकोण बनाएं. इस पॉइंट्स की जरिए आपको मदद मिलेगी
1.ऐसे में स्टूडेंट्स जिस तरह के भविष्य की कल्पना करते हैं, उस आधार पर अपनी रुचियों की लिस्टिंग करें.
2.उन विषयों को समझें जिनमें आप अच्छे हैं, इन सब्जेक्ट्स की लिस्ट बनाएं जिन्हें आप आगे नहीं पढ़ना चाहते हैं.
3.अपनी रुचियों और क्षमताओं से मेल खाने वाले सिलेबस को छोटा करें
4.अपना सिलेबस पूरा करने के अलावा स्किल डेवलपमेंट और व्यावहारिक अनुभव हासिल करना सीखें.
5.इसके बाद आप अपना विजन तैयार कर सकते हैं. 


चार्टर्ड अकाउंटेंट
चार्टर्ड अकाउंटेंट चैलेंजिंग कोर्सेस में से एक है.  चार्टर्ड अकाउंटेंसी कॉमर्स स्टूडेंट्स के लिए काफी डिमांडिंग करियर  ऑप्शन है. सीए पब्लिक एंड प्राइवेट दोनों ही क्षेत्रों में लगभग हर संस्थान में शीर्ष पदों पर काबिज हैं. चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के पास लेखांकन, कराधान, लेखा परीक्षा, व्यवसाय और कॉर्पोरेट कानून, कॉर्पोरेट नैतिकता आदि के क्षेत्र में विशेषज्ञता है. एक सीए संगठनों और व्यक्तियों की वित्तीय जिम्मेदारियों की देखरेख करता है जैसे कि रिटर्न दाखिल करना, वित्तीय विवरण रिकॉर्ड करना, कंपनियों का ऑडिट करना,  कानूनी और नैतिक अनुपालन सुनिश्चित करना आदि. 


CA कैसे बनें?
चार्टर्ड अकाउंटेंट के तौर पर करियर बनाने के लिए स्टूडेंट्स को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के साथ रजिस्ट्रेशन करना होगा और तीन लेवल्स पूरे करने होंगे, जिसमें सीपीटी (Common Proficiency Test), आईपीसीसी (Integrated Professional Competency Course), और एफसी (Final Course) शामिल हैं. सीए के कोर्स पूरा को करने में 4 साल तक का समय लगता है, जिसमें 3 साल के लिए सीए के तहत आर्टिकलशिप भी शामिल है.


इन्वेस्टमेंट बैंकर
इन्वेस्टमेंट बैंकिंग पूरी दुनिया भर में एक बहुत ही डिमांडिंग पेशा है. जब भी कस्टमर्स और कंपनियों  की फाइनेंशियल कंडीशन स्ट्रॉन्ग करने की बात आती है तो  इन्वेस्टमेंट बैंकर उनके हित में बेहतर निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार होते हैं. उनकी भूमिका कस्टमर और कंपनी के सामान्य संचालन के लिए विभिन्न स्रोतों से संपत्ति जुटाना,  विलय और अधिग्रहण को संभालना है.


कैसे बने इन्वेस्टमेंट बैंकर?
इन्वेस्टमेंट बैंकर बनने के लिए एंट्री लेवल के पदों के लिए निम्नलिखित पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता दी जाती है - बैचलर ऑफ कॉमर्स ऑनर्स, बैचलर ऑफ आर्ट्स इन फाइनेंस/इकोनॉमिक्स या बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन फाइनेंस. इसके अलावा एक चार्टर्ड फाइनेंस एनालिस्ट के तौर पर इस फील्ड में आगे बढ़ने के लिए ट्रेनिंग प्राप्त की जा सकती है. साथ ही अगर आप शीर्ष पोजिशन पर पहुंचना चाहते हैं तो फाइनेंस में एमबीए करना भी हेल्पफुल होता है.


कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंट
सीएमए यह कॉमर्स के स्टूडेंट्स के लिए एक बहुत ही बेहतर करियर ऑप्शन है. इसके अलावा वह नॉलेज के चार पिलर्स रणनीति, प्रबंधन, नियामक ढांचा और वित्तीय रिपोर्टिंग को मजबूत करके कल के बड़े कारोबारी बनने के लिए भी तैयार होता है. 


कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंट कैसे बनें?
इसके लिए स्टूडेंट्स को इंस्टिट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) में एडमिशन लेना होता है. इस कोर्स के सिलेबस में 20 विषयों के साथ तीन लेवल फाउंडेशन, इंटरमिडिएट और फाइनल शामिल हैं. आपको बता दें कि सीए या सीएस के लिए फाउंडेशन कोर्स पूरा करने के बाद भी छात्र इस कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं.


कंपनी सेकेटरी
सैद्धांतिक कानून के प्रति झुकाव रखने वाले छात्रों को कंपनी सेकेटरी
 का सिलेबस काफी आकर्षक लगेगा. सीएस कंपनियों में कानूनी संभावनाओं और समझौतों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होते हैं. वे एक्सपीरियंस बढ़ने के साथ ही सीएस कॉरपोरेट्स और बड़ी फर्मों में बड़े पदों पर पहुंच सकते हैं.


कैसे बनें कंपनी सेकेटरी?
सीएस बनने के लिए 10+2 के बाद तीन स्तरों को पास करना होता है.  जिसमें फाउंडेशन प्रोग्राम, एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम और प्रोफेशनल प्रोग्राम शामिल है. फाइनल लेवल पर स्टूडेंट बैंकिंग कानून और प्रैक्टिस, पूंजी, कमोडिटी और मुद्रा बाजार, बीमा कानून और प्रैक्टिस, बौद्धिक संपदा अधिकार कानून और अभ्यास या अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून और अभ्यास में से अपनी विशेषज्ञता का चयन कर सकते हैं.