Career In Gaming: आज हम आपके लिए एक ऐसा बेहतर करियर ऑप्शन लेकर आए हैं, जिसके बारें में आपने शायद ही कभी सोचा होगा. जी हां, हम बात कर रहे हैं गेमिंग इंडस्ट्री की. इस क्षेत्र में आने के लिए अगर सोचा भी होगा तो कई सारे सवाल आपके जेहन में उठे होंगे कि इस फील्ड में कैसे करियर बनाया जा सकता है, इसके लिए एजुकेशनल क्वालिफिकेशन क्या चाहिए होगी, इस फील्ड में बेहतर जॉब मिलेगी भी या नहीं? वगैरह-वगैरह... आज हम आपके इन सभी सवालों के जवाब देंगे. ऐसे में अगर आप इस फील्ड में जाना चाहते हैं तो आपको काफी हेल्प मिलेगी. आइए जानते हैं....


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इस समय इंडिया में गेमिंग इंडस्ट्री में 50,000 से ज्यादा फुल टाइम इंप्लाई काम कर रहे हैं, जिनमें 30 प्रतिशत प्रोगामर एवं डेवलपर हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में यह क्षेत्र से डायरेक्ट और इनडायरेक्ट तौर पर लाखों जॉब्स पैदा होने की संभावनाए हैं. वहीं, साल 2026 तक नौकरियों की संख्या में ढाई गुना इजाफा होने का अनुमान है. 


गेम डिजाइनर
गेम डिजाइनर गेम का प्लाट और स्टोरीलाइन तैयार करते हैं, जैसे कि कोई गेम में कितने लेवल होंगे, उसके कैरेक्टर्स कितने और कैसे होंगे आदि  तमाम बारीकियों को ध्यान में रखकर गेम को इंट्रेस्टिंग बनाते हैं. वे गेम राइटिंग और डायग्राम तैयार करके गेम के अलग-अलग वर्जन तैयार करते हैं. एक लीड डिजाइनर पर पूरे डिजाइनिंग विजन, कांसेप्ट, प्रेजेंटेशन, इंप्लिमेंटेशन की जिम्मेदारी होती है. गेम डिजाइनर को टेक्निकल नॉलेज होने के साथ ही उसकी क्रिएटिव सोच होनी जरूरी है. गेम बनाने के लिए डिजाइनर, डेवलपर्स, आर्टिस्ट्स और अन्य पेशेवरों की टीम काम करती है.  


शैक्षिक योग्यता
गेम डिजाइनर बनने के लिए साइंस स्ट्रीम में 12वीं पास होना जरूरी है. 
कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर की जानकारी जरूरी है. 
इसके अलावा इंग्लिश पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए. 
कंप्यूटर साइंस, गेम डिजाइनिंग, गेम डेवलपिंग, कंप्यूटर ग्राफिक्स, आर्ट, एनिमेशन, इलस्ट्रेशन या मार्केटिंग में बैचलर डिग्री या पेशेवर सर्टिफिकेशन कोर्स करने पर भी इस इंडस्ट्री में शानदार अवसर है. 
देश में कई संस्थान हैं जो गेम डिजाइनिंग में डिप्लोमा, बैचलर्स और मास्टर्स कोर्स संचालित करते हैं.


जरूरी स्किल्स
गेमिंग इंडस्ट्री में करियर बनाने वाले युवाओं को एनिमेशन, कांसेप्ट आर्ट, कैरेक्टर डिजाइन और विजुअल इफेक्ट की जानकारी होना जरूरी है. 
गेम डिजाइनिंग के इच्छुक युवाओं में इस बात की स्पष्टता हो कि वे स्पोर्ट्स गेम्स, पजल्स, सिमुलेशंस आदि में से कौन से गेम क्रिएट करना चाहते हैं. 
गेमिंग क्षेत्र में जावा, 2 डी गेम डेवलपर्स और 3 डी डेवलपर्स के लिए अपार संभावनाएं हैं. 
गेम डिजाइनिंग की जानकारी के साथ ही 3 डी मॉड्यूलिंग और 2 डी सॉफ्टवेयर का नॉलेज होना चाहिए.
ऑडियो इंजीनियर के लिए साउंड इंजीनियरिंग के साथ ही अन्य लैंग्वेज की जानकारी होनी चाहिए. 


गेमिंग में रोजगार की संभावनाएं 
युवा गेम डिजाइनर, गेम डेवलपर, एनिमेटर, क्यूएक टेस्टर, ऑडियो इंजीनियर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर एवं प्रोड्यूसर के तौर पर करियर बना सकते हैं. साथ ही इस क्षेत्र में ईस्पोर्ट्स प्रोफेशनल्स, मैनेजर्स, कास्टर्स, स्ट्रीमर्स, इंफ्यूएंसर्स की भूमिका भी बढ़ रही है. 


गेम डिजाइनर के तौर पर इनकम 
कुशल गेमर को शुरू में 3 से 5 लाख रुपये की नौकरी आसानी से मिल सकेगी. 
4 से 5 वर्षों का अनुभव होने पर 13 से 15 लाख रुपये का पैकेज मिलता है. 
गेम प्रोड्यूसर 10 लाख रुपये तक सालाना कमा रहे हैं. 
जबकि, गेम डिजाइनर्स और डेवलपर्स भी साढ़े 5 से 6.5 लाख रुपये कमा रहे हैं.