नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (SOL) व रेगुलर से पढ़ाई करने वाले लाखों छात्रों ने अब तक अपनी डिग्रियां नहीं ली हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय के एसओएल में ही करीब 4.5 लाख डिग्रीयां पड़ी हुई है, जिन्हें कई सालों से छात्र लेने नहीं आए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डीयू एसओएल के विशेष कार्य अधिकारी प्रो.उमाशंकर पांडेय का कहना है कि डिग्री लेने को लेकर छात्रों में अलग तरह की ही उदासीनता देखने को मिल रही है. विश्वविद्यालय में करीब 5 लाख से अधिक डिग्रियां बची हुई हैं. 


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उन्होंने आगे कहा कि हमारे यहां सबसे पुरानी एक डिग्री 1966 बैच की है. वहीं 1967 बैच की 5 डिग्रियां, 1968 बैच की 1 डिग्री और 1969 बैच की कुल 17 डिग्रियां हमारे पास रखी हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि, जिनकी यह डिग्री है अगर वे इन्हें लेने आते हैं, तो विश्वविद्यालय उन्हें सम्मानित भी करेगा.   


बता दें कि साल 1966 से लेकर 2019 के बीच बीए प्रोग्राम और बीकॉम पाठ्यक्रम से ग्रेजुएट हुए कुल 4,42,500 से अधिक छात्रों की डिग्रियां हमारे पास पड़ी हुई है. वहीं बीए ऑनर्स (राजनीति विज्ञान) में 30 हजार डिग्रियां, बीए ऑनर्स (अंग्रेजी) की 8 हजार डिग्रियां और बीकॉम ऑनर्स की 23 हजार डिग्रियों को छात्रों का इंतजार है. बात करें पोस्ट ग्रेजुएशन के सभी पाठ्यक्रमों की तो विश्वविद्यालय में लगभग 12 हजार से अधिक डिग्रियां पड़ी हुई हैं.


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दिल्ली विश्वविद्यालय से रेगुलर पढ़ाई करने वाले छात्रों के अंदर भी डिग्री लेने को लेकर कोई उत्साह नजर नहीं आता है. डीयू के एक अधिकारी का कहना है कि इस साल दीक्षांत समारोह में भी करीब 1 लाख 80 हजार डिग्रियां ऑनलाइन जारी की गई थी, लेकिन अब तक केवल 10 हजार छात्रों ने ही अपनी ऑनलाइन डिग्री डाउनलोड की है. छात्र ऑनलाइन डिग्री डाउनलोड करने तक की भी जहमत नहीं उठा रहे हैं.       


छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर डिग्री के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. बता दें डीयू की तरफ से एसओएल के छात्रों को मुफ्त में डिग्री भेजी जाती है. वहीं रेगुलर पढ़ाई करने वाले छात्र अपने कॉलेज से अपनी डिग्री ले सकते हैं. हालांकि, छात्र ऑनलाइन भी अपनी डिग्री डाउनलोड कर सकते हैं.