GK: इस किले की खूबसूरती लोगों को करती है आकर्षित, लेकिन यहां से लौटने में एक गलती साबित हो सकती है जानलेवा!
Kalavantin Durg Trek: देश और दुनिया से लोग इस फोर्ट को देखने आते हैं. बारिश के मौसम में यहां आना और भी खतरनाक हो सकता है, क्योंकि रास्ते चिकने और फिसलन भरे हो जाते हैं. ऐसे में आपकी एक गलती जानलेवा साबित हो सकती है.
Kalavantin Durg Trek: आपने अब तक देश भर के कई ऐतिहासिक स्थानों और किलों के बारे में सुना या पढ़ा होगा. बहुत से लोगों को ऐसी जगहों पर जाने का बहुत शौक होता है. इसी कड़ी में आज हम आपको महाराष्ट्र में स्थित कलावंती किले के बारे में बताएंगे, जो अपनी खूबसूरती के लिए बहुत मशहूर है.
यह फोर्ट देश के सबसे खतरनाक किलों में से एक है. कलावंती किले लगभग 2,300 फीट ऊंचा है. इस किले की चढ़ाई के लिए पतली सी सीढ़ियां बनी हैं, जिसके दोनों तरफ खाई हैं. यहां अगर किसी की पैर फिसला तो वह जान से भी हाथ धो सकता है, लेकिन फिर भी लोग यहां ट्रेकिंग करने के लिए जाना बहुत पसंद करते हैं.
बहमनी सल्तनत ने इस किले का निर्माण पनवेल और कल्याण किले पर नजर रखने के लिए किया गया था, लेकिन 1458 ईस्वी में अहमदनगर सल्तनत की हार हुई और यह किला छीन लिया गया. पहले इसे मुरंजन किले के नाम से जाना जाता था, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज के राज में इसका नाम रानी कलावंती किला कर दिया गया.
देश के सबसे ऊंचा और खतरनाक किला
महाराष्ट्र में ऐसे कई खतरनाक और दुर्गम किले स्थित हैं, लेकिन इस फोर्ट की लोकप्रियता का आलम कुछ और ही है. यहां सीढ़ियों के बराबर में न तो रेलिंग है और न ही कोई रस्सी. लोग इन सीढ़ियों पर एक-एक कदम चढ़ते और उतरने हैं. एक छोटी सी गलती से जान जा सकती है. यह किला माथेरान और पनवेल के बीच निर्मित है. इसकी संरचना और ऊंचाई लोगों को और भी आकर्षित करती है. इस फोर्ट के आसपास और भी खूबसूरत नजारे देखे जा सकते हैं.
सूर्यास्त से पहले वापस आ जाते हैं लोग
दिन के उजाले में ही यहां आने वाले टूरिस्ट इस किले से लौटने लगते हैं. क्योंकि शाम के समय में यहां से वापस जाना नामुमकिन है. इस ट्रेक को सूर्यास्त से पहले ही दिन के उजाले में ही पार कर सकते हैं. यहां न तो पानी की व्यवस्था है और न ही बिजली की. ऊंचाई पर होने के कारण यहां शाम होते ही ठंड लगने लगती है. इसी कारण सैलानी शाम होने से पहले ही फोर्ट से नीचे उतरना शुरू कर देते हैं.
कलावंती किले तक ऐसे पहुंचे
फ्लाईट- छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट मुंबई, प्रभलगढ़ के पास है. यहां से ये जगह 50 किलोमीटर दूर है. यहां आप टैक्सी से पहुंच सकते हैं.
ट्रेन- पनवेल का रेलवे स्टेशन प्रभलगढ़ के सबसे पास है. नवी मुंबई और मुंबई से लोकल ट्रेन से जा सकते हैं.
रोड- प्रभलगढ़ से महाराष्ट्र स्टेट ट्रांसपोर्ट की बसें जाती हैं. पनवेल से आप किले तक टैक्सी से जा सकते हैं.