Technology In Education: कैसे एजुकेशन में स्टूडेंट्स के काम आ रही टेक्नोलॉजी? घर बैठे हो रहे काम
Edtech Jobs: एआई एल्गोदिम हर छात्र की लर्निंग शैली, स्पीड और क्षमता के आधार पर उन्हें लर्निंग का कस्टमाइज्ड अनुभव प्रदान करता है.
Edtech In India: दुनिया भर में टेक्नोलॉजी बढ़ रही है इसके साथ-साथ पढ़ाई पर भी इसका सीधा सीधा असर नजर आ रहा है. आज हम टेक्नोलॉजी और एजुकेशन की दुनिया में हो रहे और कुछ फ्यूचर डिनेलपमेंट पर बात कर रहे हैं. इसे एक नया नाम भी मिल रहा है जिसे ऐडटेक (EdTech) कहा जा रहा है. हम नेक्स्ट लेवल की ओद्यौगिक क्रान्ति की ओर रुख कर रहे हैं. हम आज स्टूडेट्स के लिए एक ऐसे ही प्लेटफॉर्म की बात कर रहे हैं जिसका नाम क्यू एंड ए है. यह असेसमेन्ट पर आधारित है और खासतौर पर जेईई एवं नीट (JEE & NEET) परीक्षाओं की तैयारी के लिए बनाया गया है. यहां जेईई और नीट की तैयारी करने वालों के लिए स्टडी मेटरियल मिल सकता है. कोविड-19 महामारी के बाद मानव और मशीनों की बीच की अंतर्निभरता में फर्क पड़ा है. यह प्लेटफॉर्म नए इनोवेशन्स के साथ इन खामियों को दूर करता है.
एआई एवं डिजिटलीकरण को शामिल करने से जेईई एवं नीट के उम्मीदवारों के लिए किस तरह लर्निंग प्रक्रिया को बढ़ावा मिला है? इस सवाल के जवाब में थॉम्सन डिजिटल एंड क्यू एंड आई के सीईओ विनय सिंह ने बताया कि एआई एवं डिजिटलीकरण का सभी उद्योगों पर प्रभाव पड़ा है और एजुकेशन सेक्टर भी इससे कुछ अलग नहीं है. विशेष रूप से एआई एवं डिजिटलीकरण में जेईई और नीट के उम्मीदवारों के लिए लर्निंग प्रक्रिया में बदलाव लाने की क्षमता है. ये तकनीकें स्टूडेंट्स को पर्सनलाइज्ड, अडैप्टिव एवं इंटरैक्टिव लर्निंग का एक्सपीरिएंस प्रदान करती हैं, साथ ही उन्हें रियल टाईम फीडबैक देती है, कई प्रकार के लर्निंग रिसोर्सेज़ जेसे वीडियोज, ई-बुक्स, प्रेक्टिस टेस्ट एवं स्टडी मटेरियल का एक्सेस भी प्रदान करती हैं.
उदाहरण के लिए एआई एल्गोदिम हर छात्र की लर्निंग शैली, स्पीड और क्षमता के आधार पर उन्हें लर्निंग का कस्टमाइज्ड अनुभव प्रदान करता है. इसके अलावा एआई एल्गोरिदम स्टूडेंट्स की प्रोग्रेस को समायोजित करता है और उनकी क्षमताओं के अनुसार सवालों की जटिलता में बदलाव लेकर आता है. यह सुनिश्चित करता है कि स्टूडेंट्स को हमेशा चैलेंज किया जाए, न कि उनका उत्साह कम हो. डिजिटलीकरण के माध्यम से स्टूडेंट्स अलग अलग प्रकार के लर्निंग टूल्स को एक्सेस कर सकते हैं जैसे सिमुलेशन्स, एनिमेशन्स और गेमीफिकेशन. इससे लर्निंग और भी मजेदार एवं रोमांचक हो जाती है. डिजिटल प्लेटफॉर्म्स स्टूडेंट्स को उनकी प्रगति, क्षमता और कमजोरियों पर रियल टाईम फीडबैक देते हैं. इससे स्टूडेंट्स उन क्षेत्रों को पहचान पाते हैं जहां उन्हें ज़्यादा ध्यान देने की जरूरत है और इसी को ध्यान में रखते हुए अपनी लर्निंग की योजना बना पाते हैं.
एजुकेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर की बात करें तो इसमें स्टार्टअप के लिए कौन से रूझान आने वाले समय में दिखाई दे रहे हैं? हाल ही के सालों में एजुकेशन टेक्नोलॉजी में काफी विकास हुआ है और आने वाले समय में भी इसी तरह के रूझान जारी रहने की उम्मीद है. ऐडटेक (EdTech) सेक्टर में जो रूझान दिख रहे हैं उनमें ब्लेंडेड लर्निंग एआई एवं मशीन लर्निंग, वीआर और एआर का उपयोग, गेमीफिकेशन, सोशल लर्निंग, पर्सनलाइज्ड लर्निंग तथा शिक्षकों द्वारा छात्रों की प्रगति पर निगरानी रखने के लिए डेटा एनालिटिक्स का उपयोग शामिल है.
पिछले सालों के दौरान ऐडटेक (EdTech) इंडस्ट्री में किस तरह से विकास हुआ है? इसके बारे में बताया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की आवश्यकता अब सिर्फ पहले लेवल के शहरों तक ही सीमित नहीं है. बल्कि छोटे शहर और नगर भी लर्निंग के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की ओर रूख कर रहे हैं. सरकार द्वारा डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने तथा तकनीकी प्रगति के चलते इस सेक्टर में तेजी से विकास हो रहा है. यही कारण है कि कई दूसरे एवं तीसरे लेवल के शहर शिक्षा केन्द्रों के रूप में उभरे हैं और स्टूडेंट्स को क्वालिटी एजुकेशन उपलब्ध करा रहे हैं.