IAS Rukmani Riar Success Story: भारत की सबसे कठिन परीक्षा की बात की जाए, तो उसमें यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा का नंबर सबसे पहले आएगा. हर साल लाखों उम्मीदवार यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होते हैं और आईएएस व आईपीएस ऑफिसर बनने का सपना देखते हैं. हालांकि, उनमें से लगभग 1000 उम्मीदवार ही यूपीएससी की इस परीक्षा को पास कर ऑफिसर का पद हासिल करने में सफल हो पाते हैं. आज हम एक ऐसी ही उम्मीदवार की बात करेंगे, जिन्होंने इन लगभग 1000 उम्मीदवारों के बीच अपनी जगह बनाई है. यहां तक कि उन्होंने इस देश की सबसे कठिन परीक्षा बिना किसी कोचिंग के पास कर ऑल इंडिया दूसरी रैंक हासिल की थी. दरअसल, हम बात कर रहे हैं आईएएस ऑफिसर रुक्मणी रियार की, जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्लियर कर ली थी.


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बता दें कि स्कूल में, रुक्मणी रियार बहुत प्रतिभाशाली छात्रा नहीं थीं. वह कक्षा 6 में ही फेल हो गई थीं. रुक्मणी ने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा पंजाब के गुरदासपुर से पूरी की और फिर कक्षा 4 में डलहौजी के सेक्रेड हेरी स्कूल में एडमिशन ले लिया. आईएएस अधिकारी रुक्मणी रियार ने अमृतसर में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से सोशल साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की थी. इसके अलावा उन्होंने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट से सोशल साइंस में ही मास्टर डिग्री भी पूरी की.


TISS मुंबई से अपनी मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद, रुक्मणी ने मैसूर में अशोदा और मुंबई में अन्नपूर्णा महिला मंडल जैसे गैर सरकारी संगठनों के साथ इंटर्नशिप भी की. एनजीओ (NGO) के साथ काम करते हुए रुक्मणी सिविल सेवा की ओर आकर्षित हुईं और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में बैठने का फैसला किया.


साल 2011 में, रुक्मणी रियार ने पहली बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में उन्होंने यह परीक्षा क्रैक कर ऑल इंडिया दूसरी रैंक हासिल की. बता दें कि उन्होंने इस परीक्षा की तैयारी के लिए कोई कोचिंग नहीं ली, उन्होंने केवल सेल्फ स्टडी के जरिए ही इस परीक्षा को क्रैक कर डाला. वह बताती हैं कि उन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिए कक्षा 6 से 12वीं तक की NCERT की सभी किताबें पढ़ी और नियमित रूप से समाचार पत्र और पत्रिकाएं पढ़ती थीं.