JEE Main 2023: हाईकोर्ट में 75% एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया की याचिका पर 6 अप्रैल को होगी सुनवाई
JEE Main 2023: बॉम्बे हाई कोर्ट ने जेईई मेन के 75 प्रतिशत एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को हटाने पर होने वाली सुनवाई के 6 अप्रैल तक के लिए टाल दिया है.
JEE Main 2023: याचिकाकर्ता का कहना है कि एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया से कम अंक प्राप्त करने वाले छात्र आगामी जेईई मेन 2023 की परीक्षा में बहुत अधिक अंक प्राप्त कर सकते हैं.
बता दें कि अपनी दलील में, याचिकाकर्ता ने एनटीए से 75 प्रतिशत एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को हटाने का अनुरोध किया था क्योंकि "उनके द्वारा प्राप्त अंक उनकी वास्तविक क्षमता का सही प्रतिबिंब नहीं है. ऐसे में एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया (75%) से कम अंक प्राप्त करने वाले छात्र आगामी जेईई मेन 2023 की परीक्षा में बहुत अधिक अंक प्राप्त कर सकते हैं. वहीं अगर इन छात्रों को एक उचित अवसर से वंचित किया जाता है, तो यह लाखों छात्रों के भविष्य को प्रभावित करेगा.
जेईई 2023 के ब्रोशर में, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) ने एनआईटी (NIT), आईआईआईटी (IIT) और सीएफटीआई (CFTI) में एडमिशन के लिए कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 75 प्रतिशत अंकों के एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को वापस ले आए हैं.
IIT गुवाहाटी द्वारा जारी प्रारंभिक जेईई एडवांस ब्रोशर के अनुसार, उम्मीदवारों को अपनी कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में कम से कम 75 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे. वहीं, एससी, एसटी और पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों को एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया मैच करने के लिए परीक्षा में कम से कम 65 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे.
उम्मीदवारों ने कहा है कि जो उम्मीदवार 12वीं कक्षा की परीक्षा में 75 प्रतिशत अंक हासिल करने में विफल रहे हैं और खासकर जिनके लिए यह प्रवेश परीक्षा में बैठने का आखिरी मौका है उनके लिए यह काफी मुश्किल भरा फैसला साबित होने वाला है. इससे उनका करियर भी दांव पर लग गया है.
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