नई दिल्ली: हम जो काम रोज करते हैं, उनमें दांतों को साफ करना भी शामिल है. रोजाना सुबह उठकर अलसाई आंखों से हम टूथपेस्ट को दबाते हैं, ब्रश पर लगाते हैं और दांत घिस  लेते हैं. लेकिन क्या आपने कभी टूथपेस्ट को उलट-पलट कर देखा है. खासकर वो हिस्सा, जिसपर एक्सपायरी डेट और प्राइज लिखा होता है. अगर आप उसे ध्यान से देखें, तो वहां रंग की पट्टी नजर आएगी. इन रंग की पट्टियों का संबंध आपके सेहत से होता है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि ये रंग की पट्टियां क्या कहती हैं...


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चार रंग की पट्टियों का होता है इस्तेमाल
दरअसल, किसी भी टूथपेस्ट पर चार रंग की पट्टियों का इस्तेमाल किया जाता है. लाल, हरा, नीला और काला. ये रंग बताते हैं कि टूथपेस्ट नेचुरल है या केमिलक युक्त. 


लाल रंग- लाल रंग की पट्टी वाले टूथपेस्ट में कैमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. साथ में कुछ नेचुरल पदार्थ का भी. ये नेचुरल और कैमिकल युक्त टूथपेस्ट का प्रतीक है. 
काला रंग- काले रंग के टूथपेस्ट में सिर्फ कैमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. 
नीला रंग- इस रंग की पट्टी का इस्तेमाल मेडिसिन युक्त टूथपेस्ट के लिए किया जाता है. हालांकि, इसमें नेचुरल पदार्थ मिलाए जाते हैं.
हरा रंग- इस रंग की पट्टी वाला टूथपेस्ट पूरी तरीके से नेचुरल होता है. 


टूथपेस्ट में इस्तेमाल किए जाते हैं ये कैमिकल्स
आपको बता दें कि टूथपेस्ट में अलग-अलग कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है. खासकर बेकिंग सोडा, कैल्शियम, डाई कैल्शियम फॉस्फेट, ट्राईक्लोसन, सोर्बिटोल और टेशियम नाइट्रेट का. इनका इस्तेमाल हड्डियों और हार्ट के लिए काफी खतरनाक होता है. इसके अलावा अल्सर, मुंह मे सूजन, अपच और आंत में सूजन जैसी भी समस्याएं हो सकती हैं.