IAS Abhishek Surana Success Story: विदेशों में रहना और वहां काम करना लाखों भारतीयों का सपना होता है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपने देश की सेवा करने के उद्देश्य से भारत लौटने का विकल्प चुना. आज इस लेख में हम आपको आईएएस अधिकारी अभिषेक सुराणा के बारे में बताएंगे, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए एक हाई सैलरी वाली नौकरी छोड़ दी और देश की सेवा करने के लिए आईएएस अधिकारी बन गए.


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हम सभी जानते हैं कि यूपीएससी परीक्षा भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है और हर साल देश भर से लाखों छात्र यूपीएससी परीक्षा में उत्तीर्ण होने और आईएएस अधिकारी बनने के उद्देश्य से यूपीएससी परीक्षा में शामिल होते हैं. लेकिन उनमें से केवल 900 से 1000 उम्मीदवार ही इस परीक्षा में पास हो पाते हैं. इन्ही उम्मीदवारों में से एक हैं आईएएस अधिकारी अभिषेक सुराणा. 


इन्वेस्टमेंट बैंकर के तौर पर किया काम
आईएएस अधिकारी अभिषेक सुराणा राजस्थान के भीलवाड़ा के रहने वाले हैं और उन्होंने आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. IIT से ग्रेजुएशन करने के बाद IAS अधिकारी अभिषेक सुराणा ने सिंगापुर में बार्कलेज इन्वेस्टमेंट बैंक में एक इन्वेस्टमेंट बैंकर के रूप में काम करना शुरू किया. इसके बाद वे उसी बैंक में काम करने के लिए लंदन चले गए.


UPSC परीक्षा में शामिल होने का बनाया मन
बाद में, IAS अधिकारी अभिषेक सुराणा ने एक मोबाइल-आधारित ऐप स्टार्ट-अप कंपनी की स्थापना की और चिली में काम करना शुरू किया और यही वह समय था जब उन्हें लगा कि उन्हें UPSC परीक्षा में शामिल होना चाहिए और IAS अधिकारी बनना चाहिए. साल 2014 में अभिषेक सुराणा भारत लौट आए और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.


10वीं रैंक हासिल कर बनें IAS
अभिषेक सुराणा अपने पहले दो प्रयासों में यूपीएससी परीक्षा को क्रैक करने में विफल रहे, लेकिन उन्होंने अपने सपनों का पीछा करना जारी रखा और अंत में अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा को क्रैक किया और 250वीं रैंक हासिल की. आईएएस अधिकारी अभिषेक सुराणा ने चौथी बार यूपीएससी परीक्षा में भाग लिया और चौथे प्रयास में ऑल इंडिया 10वीं रैंक हासिल की. आईएएस अधिकारी अभिषेक सुराणा वर्तमान में जिला परिषद, जोधपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं.