नई दिल्ली:  कोरोना काल में हम सभी को डॉक्टर्स की अहमियत समझ में आ गई. ये फ्रंटलाइन्स वर्कर्स दिन रात लोगों के इलाज में जुटे रहे. ऐसे में जब आप डॉक्टर्स की फोटो सोशल मीडिया पर देखते होंगे, तो वे या तो सफेद कोट या हरे रंग के कोट में नजर आते हैं. अक्सर डॉक्टर्स अपने साथ सफेद कोट कैरी करते हैं. लेकिन जब ऑपरेशन के लिए जाते हैं, तो हरे रंग का लंबा-सा कपड़ा पहन लेते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वो ऐसा क्यों करते हैं. आज के Knowledge पैकेज में हम आपको इसके बारे में ही बात रहे हैं...


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डॉक्टर्स सफेद कोट क्यों पहनते हैं? 
डॉक्टर्स के सफेद कोट पहनने के पीछे बड़ी पुरानी कहानी है. बात 19वीं सदी से पहले की है. उस समय सफेद कोट सिर्फ वैज्ञानिक और लैब में काम करने वाले लोग पहना करते थे. वैज्ञानिक उस समय डॉक्टर्स के इलाज पद्धती को गलत बताने में जुटे थे. ऐसा करने पर उन्हें शासकों द्वारा सम्मान भी मिलता था.  तब चिकित्सा के पेशे को विज्ञान में बदलने का फैसला लिया गया. डॉक्टर्स भी वैज्ञानिक बनने के लिए मैदान में उतर गए. बताया जाता है ऐसे में 1889 AD में डॉक्टर्स ने सफेद कोट पहनना शुरू किया. आधुनिक सफेद कोट का श्रेय कनाडा के डॉ जॉर्ज आर्मस्ट्रांग को दिया जाता है. 


वहीं, इस बात को भी जिक्र मिलता है कि सफेद कपड़े को शांति के प्रतीक रूप में पहना जाता है. ऐसा भी माना जाता है कि हॉस्पिटल में आकर मरीज तनाव भरे माहौल में पॉजीटिव रह सके इसलिये भी डॉक्टर्स हमेशा सफेद कोट पहनते हैं.


फिर ऑपरेशन के समय हरा कपड़ा क्यों? 
अब एक सवाल ये भी है कि फिर डॉक्टर्स ऑपरेशन करते वक्त हरा कपड़ा क्यों पहन लेते हैं?  बताया जाता है कि पहले डॉक्टर्स ऑपरेशन के वक्त भी सफेद कोट ही पहना करते थे. लेकिन 1914 में एक प्रभावशाली डॉक्टर्स ने इसे बदल दिया. ऐसे क्यों किया गया, इसके पीछे कोई पुष्ट कारण नहीं मिलता है. मौजूद जानकारी के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया जाता है कि डॉक्टर्स खून का रंग देखकर मानसिक तनाव में न आए. ये भी बताया जाता है कि लगातार चटक रंग देखने में दिक्कत होती है. इसलिए डॉक्टर्स थिएटर्स में हरे रंग का इस्तेमाल करते हैं. ये आखों को आराम देते हैं.