Intresting Facts About Rhinoceros: अक्सर आपने देखा होगा जब बच्चे या छोटे अपने बड़ों का कहना नहीं मानते या फिर बात सुनकर अनसुना कर देते हैं तो उनकी खूब कुटाई हो जाती है, उसके बाद भी बच्चे फिर से वापस वैसे ही हो जाते हैं, तब अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा की इसकी 'चमड़ी तो गैंडे जैसी हो गई है'.


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हालांकि, आजकल ऐसे नजारे कम ही देखने को मिलते हैं, लेकिन सभी जानते हैं कि किस ढीठ किस्म के व्यक्तियों के लिए अक्सर ये बात कही जाती है, जिस पर किसी चीज का जल्दी से असर नहीं होता है. दरअसल, गैंडे की स्किन होती ही इतनी सख्त है कि उसी पर यह कहावत बनी है. वहीं, लोग तो यह भी कहते हैं कि बुलेटप्रूफ जैकेट गैंडे (Rhinoceros) की खाल से तैयार की जाती है, जो आज हम आपको बताएंगे कि आखिर इस बात में कितना दम है...


इतने भारी होते हैं गैंडे
जंगली जानवरों में हाथी के बाद राइनोसरस ही सबसे ताकतवर जीव है. कहते हैं कि अगर यह गुस्से में आ जाए तो अपने सामने आने वाली हर चीज को तहस-नहस कर सकता है. पूरे विश्व में गैंडे की पांच प्रजातियां पाई जाती हैं. इसका वजन औसतन एक हजार किलो से ज्यादा ही होता है. आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि एक तंदुरुस्त गैंडे का वजन 3500 किलो तक भी होता है. 


क्या बुलेटप्रूफ होती है इनकी चमड़ी?
राइनोसरस करीब 10 से 11 फीट लंबे और 6 फीट तक ऊंचे होते हैं. कहते हैं कि गैंडे की खाल इतनी मोटी होती है कि कई बार इनपर गोली भी बेअसर होती है. हालांकि, इस बात में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है कि गैंडे की स्किन बुलेटप्रूफ होती है, तो फिर इससे बुलेटप्रूफ जैकेट कैसे तैयार की जा सकती है. दरअसल, हर चीज से बेअसर होने की कारण गैंडे की खाल को लेकर लोगों के बीच फैला यह एक मिथक ही है. 


ये बुलेट्स होती हैं इन पर बेअसर
गैंडे की मोटी और मजबूत स्किन कई लेयर्स में होती है. इसकी चमड़ी 2 इंच मोटी होती है, जिस वजह से एक छोटी बुलेट इसे भेद नहीं सकती है. जानकरी के मुताबिक गैंडे पर 2.34, 2.7 और 3 एमएम की बुलेट बेअसर होती है. ऐसे में इनका शिकार के लिए शिकारी AK-47 राइफल का इस्तेमाल करते हैं. इस राइफल से निकलने वाली गोली की स्पीड 700 मीटर प्रति सेकेंड तक होती है. इस तेज रफ्तार वाली गोली से इन पर निशाना साधा जाता है.