UPSC Success Story: हम सभी जानते हैं कि देश की सबसे कठिन कॉम्पिटीटिव परीक्षा में से एक यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को हर उम्मीदवार पास नहीं कर पाता है. इस परीक्षा को पास करने के लिए, आपको वर्षों के प्रयास, धैर्य, दृणइच्छा की आवश्यकता होती है. वहीं इस परीक्षा में सफल होने का कोई सीक्रेट भी नहीं है. इसलिए आज इस लेख में हम यूपीएससी उम्मीदवार मोहम्मद हुसैन के बारे में बात करेंगे, जिनकी यूपीएससी सफलता की कहानी बहुत ही दिलचस्प है.


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मुंबई के वाडी बंदर, शोलापुर लेन के रहने वाले मोहम्मद हुसैन ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 570वीं रैंक हासिल की है. हुसैन को अपनी सफलता के लिए काफी मेहनत और संघर्ष करना पड़ा था. हुसैन वाडी बंदर मजगांव डॉक स्थान के पास सड़क के किनारे एक साधारण सी झोपड़ी में रहते हैं.


अपने जीवन में अनुभव की गई सामाजिक और आर्थिक कठिनाइयों को देखते हुए, मोहम्मद हुसैन की उपलब्धि यूपीएससी द्वारा चुने गए 933 उम्मीदवारों में से वास्तव में उत्कृष्ट थी. 27 वर्षीय दृढ़ निश्चयी ने इन बाधाओं को आसानी से पार कर लिया है. उन्होंने अपने पांचवें प्रयास में यूपीएससी परीक्षा सफलतापूर्वक पास की और ऑल इंजिया 570वीं रैंक हासिल की.


हुसैन के पिता ने डॉकयार्ड में एक श्रमिक के रूप में काम करना शुरू किया, ट्रकों से माल लोड और अनलोड किया और अंततः पर्यवेक्षक के पद तक पहुंचे. उनके पिता रमजान सईद ने यह सुनिश्चित किया कि उनका बेटा शहर के प्रतिष्ठित संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करे.


हुसैन ने कहा, "मेरे पिता मुझे बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित करते थे."


उन्होंने यह भी कहा, "मेरे परिवार ने मेरी इस पूरी यात्रा में मेरा साथ दिया, यहां तक कि घरेलू समस्याओं से भी मेरा ध्यान नहीं भटकाया. जब मैं परीक्षा देने जाता था तो मेरे पिता भी मेरे साथ जाते थे."


मोहम्मद हुसैन ने अपनी औपचारिक शिक्षा के लिए डोंगरी के सेंट जोसेफ स्कूल में दाखिला लिया और साल 2018 में एलफिंस्टन कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के रूप में विशेष कोचिंग कार्यक्रमों में लगे रहे. इनमें भारतीय सिविल सेवा आवासीय कोचिंग संस्थान की हज समिति, मुस्लिम आवेदकों के लिए एक विशेष कोचिंग कार्यक्रम, जिसका मुख्यालय मुंबई के हज हाउस में है, वह उसमें शामिल हो गए. उन्होंने पुणे अकादमी के साथ-साथ नई दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया से भी कोचिंग ली.


एक इंटरव्यू में मोहम्मद हुसैन ने कहा कि सिविल सेवाओं में करियर बनाने की उनकी प्रारंभिक प्राथमिकता उनके पिता के साथ सरकारी सुविधाओं की यात्राओं से प्रेरित थी. उन्होंने रचनात्मक बदलाव शुरू करने के लिए अपने पिता के कभी न खत्म होने वाले समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया. हुसैन ने अपनी यात्रा के दौरान अपने परिवार के लगातार समर्थन के लिए भी आभार व्यक्त किया, इस हद तक कि उन्होंने जानबूझकर उसे कोई भी घरेलू जिम्मेदारी देने से परहेज किया. 


मोहम्मद हुसैन भारतीय राजस्व सेवा (IRS) या भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में एक पद सुरक्षित करने की इच्छा रखते हैं.