नई दिल्ली: हर साल राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की तरफ से नेशनल टेलेंट सर्च एग्जामिनेशन (NTSE) की परीक्षा का आयोजन किया जाता है. इस परीक्षा के तहत हर साल देश भर के दो हजार मेधावी छात्रों को स्कॉलरशिप के लिए चुना जाता है. छात्रों का चयन दो स्तर की परीक्षा के आधार पर किया जाता है. मेधावी छात्रों को हर साल इस परीक्षा का इंतजार रहता है. इसी तरफ से इस साल भी हजारों छात्र पिछले 6 महीने से एनटीएसई (NTSE) की परीक्षा के आयोजन का इंतजार कर रहे हैं. 


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एनटीएसई के पहले चरण की परीक्षा का आयोजन राज्य स्तर पर किया जाता है. इसका आयोजन हर साल नवंबर महीने के पहले रविवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के द्वारा कराया जाता है. वहीं इसके दूसरे चरण की परीक्षा एनसीईआरटी के द्वारा मई महीने के दूसरे रविवार को आयोजित की जाती है. बता दें कि दूसरे चरण की परीक्षा राष्ट्रीय स्तर की होती है. इस परीक्षा के लिए कक्षा 10वीं में पढ़ रहे छात्र-छात्राएं आवेदन कर सकते हैं. 


साल 2021 में इस परीक्षा का आयोजन नहीं हो पाया था. जानकारी के अनुसार इस परीक्षा से संबंधित फाइल शिक्षा मंत्रालय में फंसे रहने के कारण इसका आयोजन नहीं हो सका था. उत्तर प्रदेश के नोडल एजेंसी मनोविज्ञानशाला के पास भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. बता दें कि साल 2020 में एनटीएसई के पहले चरण की परीक्षा में लगभग 35 हजार छात्र शामिल हुए थे.


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इस परीक्षा में सफल होने वाले 2,000 छात्रों को स्कॉलरशिप दी जाती है. इन छात्रों को कक्षा 11वीं व 12वीं में प्रति माह 1,250 रुपए दिए जाते हैं. वहीं ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान इन्हें हर महीने 2,000 रुपए दिए जाते हैं. साथ ही पीएचडी के दौरान रिसर्च वर्क के लिए इन छात्रों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के तहत स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है.        


एनटीएसई के पहले चरण की परीक्षा में पास होने वाले छात्र-छात्राओं को इसके दूसरे चरण के राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिलता है. बता दें कि दूसरे चरण की परीक्षा के लिए प्रत्येक राज्य का कोटा पहले से ही तय किया हुआ है. दूसरे चरण की परीक्षा में सबसे अधिक 1,408 मेधावी छात्र उत्तर प्रदेश राज्य से आते हैं. इसके बाद महाराष्ट्र से 774, बिहार से 691, पश्चिम बंगाल से 569 और मध्य प्रदेश से 530 छात्र इस परीक्षा के दूसरे चरण में शामिल होने के लिए आते हैं.