Note Garland: इस समय शादी-ब्याह के मौसम में एक नजारा अक्सर देखने को मिलता है और वह है कि दूल्हे को नोटों का हार पहनाया जाता है. आम भारतीय परिवारों की शादी में जब तक दूल्हा नोटों की माला म पहनें उसका तैयार होना माना ही नहीं जाता. आजकल झपटमार दूल्हे के गले से नोटों की माला छीन का भाग जा रहे हैं. इससे दूल्हे वालों का नुकसान होने के साथ-साथ किसी बड़ी अनहोनी का भी डर है, क्योंकि झपटमार कैसे वारदात को अंजाम दे यह कहा नहीं जा सकता है.


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यह तो हुई नुकसान की बात, लेकिन पर आपको पता है कि करेंसी नोट की माला बनाना रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के नियमों के खिलाफ है? जी हां, जानकर हैरानी तो हो रही होगी आपको. आइए जानते हैं कि इस बारे में क्या कहता है आरबीआई का नियम...


पूरे उत्तर भारत में नोटों की माला काफी चलने में है. कहीं सिर्फ दूल्हे नोट की माला पहनते हैं तो कहीं दुल्हन को भी नोटों की माला पहनाते हैं. ज्यादातर 10, 20 और 50 रुपये के नोटों की माला बहुत बिकती हैं. धनाढ्य लोग 100 और 500 रुपये के नोटों से बनी माला भी पहनते हैं. इस माला में इस्तेमाल हुए नोटों की कीमत तो आपको चुकानी ही पड़ती है. 


माला झपट कर भागने की कई वारदात हो चुकीं
पिछले माह पश्चिमी दिल्ली में ऐसा ही एक हादसा हुआ था. वहां एक दूल्हे की बारात चल रही थी, उसके गले में 500 रुपये के नोट की माला थी. उस माला में 329 नोट लगे थे. उस माला में 1,64,500 रुपये यूज हुए थे. एक नाबालिग झपटमार दूल्हे के गले से माला झपटकर भाग गया. हालांकि, बाद में उसे पकड़ लिया गया. वहीं, 20 फरवरी को दिल्ली के पटपड़गंज इलाके में एक दूल्हे के गले से माला झपट कर भागने की घटना सामने आई.


जानें क्या है रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का नियम
आरबीआई ने इस बारे में एक क्लीन नोट पॉलिसी बना रखी है. बैंकिंग रेगूलेशन एक्ट, 1949 की धारा 35 ए के मुताबिक करेंसी नोटों का उपयोग सिर्फ लेन-देन के लिए किया जाना चाहिए. इसे स्टेपल करना, इसकी माला बनाना या नोट को पंडाल में लगाना आदि की मनाही है. आरबीआई द्वारा लोगों से बार-बार अपील कि जाती है कि माला बनाने के लिए नोटों का उपयोग ना करें. इससे उनकी उम्र घटती है. 


सजा का नहीं है प्रावधान
नोट की माला बनाने वालों के खिलाफ दंड का प्रावधान नहीं है. रिजर्व बैंक सिर्फ अपील करके रह जाता है. ऐसे में नोट की माला पहनने वालों या  बनाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है.