नई दिल्ली. बिहार के छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी खबर है. प्रदेश में जल्द ही स्कूलों को बंद किया जा सकता है. क्योंकि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते संक्रमण और ठंड के असर को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्‍यों को इस बारे में अलर्ट कर दिया है. केंद्र सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइन में कहा गया है कि तापमान के सात डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने की स्थिति में सुबह की पाली में स्‍कूलों का संचालन नहीं किया जाए.


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साथ ही केंद्र सरकार की तरफ से यह भी जोर देकर कहा गया है कि अगर जरूरत महसूस हो तो स्‍कूल बंद भी कर दिए जाएं. वहीं, केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस के बाद शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को उचित फैसला लेने के लिए निर्देश दे दिया हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही स्कूलों को बंद कराने का आदेश प्रदेश में जारी किया जा सकता है.


इधर, मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (प्रारंभिक शिक्षा एवं एसएसए) को निर्देश दिया है. हालांकि अभी राज्‍य के ज्‍यादातर हिस्‍सों में तापमान सात डिग्री सेल्‍सियस तक नहीं पहुंचा है. लेकिन, पटना के मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक दो-तीन दिनों में ही तापमान इस हद तक नीचे जा सकता है.


इसमें कहा गया है कि यदि तापमान सात डिग्री सेल्सियस से कम हो जाए, तो इसे शीतलहर की स्थिति मानी जाती है. इसके मद्देनजर जाड़ा में कारोना की स्थिति से बचाव के लिए आवश्यक कार्रवाई करें. स्कूलों को सैनेटाइज कराएं. सैनेटाइज कराने के लिए स्थानीय पंचायत प्रतिनिध और बीडीओ का सहयोग लें.


केंद्र सरकार की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया है कि शीतलहर से बचाव का पोस्टर विद्यालय के सूचनापट्‌ट पर लगाया जाए. लंच के समय बच्चों को बाहर बहुत समय तक खेलने की अनुमति नहीं दें. इसके अलावा भी सरकार की तरफ से कई निर्देश दिए गए हैं.


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