नई दिल्ली:  Success Story: हिंदी के साहित्यकार दुष्यंत कुमार ने लिखा था- 'कैसे आकाश में सूराख़ नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीअत से उछालो यारो!' उनकी कविता कि ये लाइन ना जाने कितने लोगों से सच में जमीन पर उतार दी. ऐसे ही एक IAS अधिकारी हैं  अंसार अहमद शेख. मात्र 21 साल की उम्र UPSC की सबसे कठिन सिविल सेवा परीक्षा क्रैक करने वाले अंसार की Success Story किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है. भूख और गरीबी को मात देते हुए, वह इस मुकाम तक पहुंचे. 


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पिता चलाते थे ऑटो
एक अंग्रेजी वेबसाइट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, अंसार का परिवार महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में रहता था. उनके पिता अहमद शेख ऑटो रिक्शा चलाते थे. अंसार के अलाव उनकी दो बहनें और एक भाई भी साथ रहते थे. पिता की कमाई से घर का खर्च चल जाए, यह भी काफी मुश्किल था. उनकी मां दूसरों के खेतों में काम करती थीं. एक दिन ऐसा भी आया, जब अंसार के पिता ने पढ़ाई छुड़ाने की कोशिश भी की. ताकि अंसार भी काम करके घर के खर्च में हाथ बंटा सके. लेकिन स्कूल टीचर पुरुषोत्तम पडुलकर ने उनके पिता को समझाया और अंसार की पढ़ाई बचा ली. 


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वेटर का काम करके जमा की फीस 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तब अंसार 10वीं में थे, तब वह कम्प्यूटर सीखना चाहते हैं. लेकिन कम्प्यूटर क्लास की फीस करीब 3 हजार रुपये थी. ऐसे में अंसार ने वेटर का काम करने का फैसला किया. लगातार काम के बीच जब 2 घंटे का ब्रेक मिलता, तो वह कम्प्यूटर सीख पाते. 10वीं में अंसार के शिक्षक ने MPPCS की परीक्षा पास की. जिन्होंने उन्हें UPSC की राह दिखाई. 


IAS परीक्षा पास करने के बाद दोस्तों ने दी ट्रीट
पढ़ाई के अलावा अंसार को लाइफ में भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. कॉलेज के टाइम में वह छुट्टियों में काम करके पैसा जमा करते थे. ताकि फोकस होकर पढ़ाई कर सकें. साल 2015 में पहले ही प्रयास में उन्होंने बाजी मार ली. 361वीं रैंक लाकर कमाल कर दिया. जब रिजल्ट आया, तो उनके पास बिल्कुल पैसे नहीं थे. उल्टा अंसार के दोस्तों ने उन्हें खाना खिलाया.