नई दिल्लीः दुनियाभर में प्रदूषण और क्लाइमेट चेंज (Climate Change) एक बड़ी समस्या बन कर उभरा है. इससे बचने के लिए एंवॉयर्नमेंटल एक्‍सपर्ट (Environmental Expert) या साइंटिस्‍ट (Scientist) की मांग बढ़ रही है. कंपनियों द्वारा भी क्लीन टेक्नोलॉजी (Clean Technology) में खूब निवेश किया जा रहा है. यही वजह है कि ग्रीन सेक्टर (Green Sector) से जुड़े क्षेत्र में करियर की अच्छी संभावनाएं देखी जा रही हैं.


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अगर आपकी भी रुचि एंवॉयर्नमेंटल साइंस (Environmental Science) में है तो अब इस सेक्टर में खूब नौकरियां हैं.  


जरूरी योग्यता
देश के कई यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट्स में एंवॉयर्नमेंटल साइंस से जुड़े डिप्‍लोमा, डिग्री, पीजी डिग्री और पीएचडी कोर्सेज कराए जा रहे हैं. साइंस सब्जेक्ट (Science) से 12वीं पास स्टूडेंट्स बैचलर डिग्री प्रोग्राम में एंट्री ले सकते हैं. स्टूडेंट्स चाहें तो एंवॉयर्नमेंटल टेक्‍नोलॉजी (Environmental Technology) में बीटेक या बीई भी कर सकते हैं.


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कोर्स के दौरान सस्‍टेनेबल ईकोसिस्‍टम (Sustainable Ecosystem), नेचुरल रिसोर्सेज (Natural Resources), ईकोलॉजी (Ecology), बायोलॉजिकल सिस्‍टम (Biological System), एंवॉयर्नमेंटल जियोलॉजी (Environmental Geology), स्‍टैटिस्टिक्‍स (Statistics) आदि की जानकारी दी जाती है.


नौकरी के अवसर
एंवॉयर्नमेंटल साइंस या फिर मैनेजमेंट में डिग्री रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए जॉब्स (Jobs) के तमाम अवसर मौजूद हैं. वे गवर्नमेंट (Government) के साथ प्राइवेट संस्थानों में भी जॉब की तलाश कर सकते हैं. फॉरेस्‍ट एंड एंवॉयर्नमेंट (Forest and Environment), प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, अर्बन प्‍लानिंग, वॉटर रिसोर्स तथा एग्रीकल्‍चर (Agriculture) जैसे सरकारी विभागों में जॉब तलाश सकते हैं.


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अगर प्राइवेट फील्‍ड की बात करें तो ट्रीटमेंट प्‍लांट, बायोमेडिकल वेस्‍ट ट्रीटमेंट प्‍लांट, वॉटर प्रोटेक्‍शन विंग या फिर वायु तथा ध्‍वनि प्रदूषण कंट्रोल संयत्रों में एंवॉयर्नमेंट एनालिस्‍ट (Environment Analyst) या एंवॉयर्नमेंटल ऑफिसर बन सकते हैं.


एंवॉयर्नमेंटल साइंस में अगर पीजी की है तो एंवॉयर्नमेंटल साइंटिस्‍ट, एंवॉयर्नमेंटल कंसल्‍टेंट, एंवॉयर्नमेंटल प्रोफेसर, एंवॉयर्नमेंटल एनालिस्‍ट, एंवॉयर्नमेंटल मैनेजर, एंवॉयर्नमेंटल इकोनॉमिस्‍ट, एंवॉयर्नमेंटल बायोटेक्‍नोलॉजिस्‍ट, एंवॉयर्नमेंटल मैनेजमेंट सिस्‍टम असिस्‍टेंट, कोस्‍टल मैनेजमेंट स्‍पेशलिस्‍ट, एंवॉयर्नमेंटल सोशलिस्‍ट या एंवॉयर्नमेंटल हेल्‍थ ऐंड सेफ्टी स्‍पेशलिस्‍ट आदि पदों पर नियुक्ति हो सकती है.


नए जॉब्‍स एवेन्‍यू
कार्बन ट्रेडिंग के क्षेत्र में भी एंवॉयर्नमेंटल साइंस ग्रेजुएट के लिए जॉब के लिए अवसर होते हैं. आज-कल कॉर्पोरेट क्लाइमेट कंसल्टेंट की भी काफी डिमांड है. कार्बन फुटप्रिंट (Carbon Footprint) को कैसे कम किया जा सकता है, इससे संबंधित सलाह देने का काम ये लोग करते हैं. इको-एजुकेटर (Eco eEducator) बनकर भी अच्छी कमाई की जा सकती है. इको-एजुकेटर का काम एनर्जी कंजर्वेशन, नेचुरल रिसोर्स के उपयोग आदि के बारे में प्रोग्राम और पॉलिसी तैयार करना होता है.


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इस फील्ड में एंवॉयर्नमेंटल इंजीनियरिंग (Environmental Engineering) हॉट करियर ऑप्शन माना जाता है. इससे जुड़े पेशेवर एंवॉयर्नमेंट, हेल्दी वॉटर, रीसाइक्लिंग, वेस्ट डिस्पोजल, पब्लिक हेल्थ आदि से जुड़े कार्य करते हैं. आप चाहें तो एंवॉयर्नमेंटल लॉयर (Environmental Lawyer) भी बन सकते हैं. एंवॉयर्नमेंटल लॉ, नेचुरल लॉ आदि फील्ड से जुड़े लोगों के लिए इस क्षेत्र में जॉब के बेशुमार अवसर हैं.


सैलरी पैकेज
एंवॉयर्नमेंटल साइंस ग्रेजुएट्स या पोस्‍टग्रेजुएट्स को शुरुआत में 25 से 40 हजार रुपये तक सैलरी प्रति माह आसानी से मिल जाती है. वहीं अगर पीएचडी (Phd) की है तो किसी भी संस्‍थान में 50 से 80 हजार रुपये के बीच प्रति माह सैलरी पा सकते हैं.


टॉप इंस्टीट्यूट्स


दिल्‍ली यूनिवर्सिटी, नई दिल्‍ली
www.du.ac.in


जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नई दिल्‍ली
www.jnu.ac.in


अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, उत्‍तर प्रदेश
www.amu.ac.in


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