नई दिल्ली. भारत में करेंसी जारी करने का अधिकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास है और उसके द्वारा जारी नोट ही मान्य होते हैं. कुछ वर्षों से भारतीय करेंसी के रंगों और डिजाइन में काफी बदलाव हुआ है. भारत में नकदी लेन-देन ही प्रमुखता से होता आया है. डिजिटलाइजेशन के बावजूद भी एक वर्ग ऐसा है जो अभी भी कैश में ही लेनदेन करना पसंद करता है. हम सभी हर दिन नोटों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या ये पता है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने पहली नोट कितने रुपए की छापी थी. आइए जानते हैं यहां..


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देश में ये है नोट छापने का नियम
रिजर्व बैंक साल 1956 से करेंसी नोट छापने के लिए ‘मिनिमम रिजर्व सिस्टम’ के तहत करेंसी की छपाई करता है. इस नियम के मुताबिक करेंसी नोट प्रिंटिंग के विरुद्ध न्यूनतम 200 करोड़ रुपए का रिजर्व हमेशा रखना जरूरी है. इसके बाद ही रिजर्व बैंक करेंसी नोट प्रिंट कर सकता है.


इतने रुपए का छपा था पहला नोट
भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल, 1935 को हुई थी. अपनी स्थापना के तीन साल बाद साल 1938 की जनवरी में आरबीआई ने पहली बार 5 रुपये का करेंसी नोट जारी किया था. इस नोट पर ‘किंग जॉर्ज VI’ की तस्वीर प्रिंट हुई थी. मतलब आजादी से 9 साल पहले रिजर्व बैंक ने अपनी पहली करेंसी जारी की थी. इसके बाद 10 रुपए के नोट, मार्च में 100 रुपए के नोट और जून में 1,000 रुपए और 10,000 रुपए के नोट जारी किए गए थे.


भारतीय मुद्रा का नाम भारतीय रुपया (INR) है. 100 पैसे का एक भारतीय रुपया होता है. भारतीय रुपये का प्रतीक ‘₹’ है. ये डिजाइन देवनागरी अक्षर (र) से प्रेरित है. 


मौजूदा समय में देश में चलन में हैं ये नोट
देश में मौजूदा समय में 2000, 500, 200, 100, 50, 20, 10, 5, 2 और 1 रुपये के नोट चलन में हैं. एक हजार के नोट 2016 में हुई नोटबंदी के बाद चलन से बाहर हो गए थे.


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