Knowledge Section: नीले रंग की ही क्यों होती हैं एरोप्लेन की सीटें? जानें अहम वजह
Knowledge Section: कुछ लोग ये मानते हैं कि आसमान का रंग नीला हेता है इसी कारण प्लेन की सीटों का रंग भी नीला रखा जाता है. हालांकि, आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. कई रिपोर्टेस के अनुसार, एरोप्लेन में नीली सीटों का इस्तेमाल कई दशकों पहले शुरू किया गया था और आज भी सभी एयर लाइंस अपने प्लेनों में नीले रंग की सीटें ही इस्तेमाल करती है.
Knowledge Section: आज के समय में हवाई यात्रा करना पहले की तुलना में काफी आम हो गया है. इसी कारण से आज हर व्यक्ति एरोप्लेन में सफर करना चाहता है. एरोप्लेन में यात्रा करना पहले के मुकाबले काफी किफायती भी हो गया है. ऐसे में अगर आपने कभी एरोप्लेन में यात्रा की होगी तो आपने इस बात पर गौर किया होगा कि एरोप्लेन की सभी सीटें नीले रंग की होती है, लेकिन कभी आपने यह सोचा है कि प्लेन की सभी सीटें नीले रंग की ही क्यों होती हैं. आइये आज हम आपको बताते हैं कि प्लेन की सीटें नीलें रंग की क्यों होती है.
नीले रंग माना जाता है विश्वसनीयता और सुरक्षा का प्रतीक
कुछ लोग ये मानते हैं कि आसमान का रंग नीला हेता है इसी कारण प्लेन की सीटों का रंग भी नीला रखा जाता है. हालांकि, आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. कई रिपोर्टेस के अनुसार, एरोप्लेन में नीली सीटों का इस्तेमाल कई दशकों पहले शुरू किया गया था और आज भी सभी एयर लाइंस अपने प्लेनों में नीले रंग की सीटें ही इस्तेमाल करती है. ब्रिटिश वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध के अनुसार, नीले रंग को लेग विश्वसनीयता और सुरक्षा के साथ जोड़कर देखते हैं. नीला रंग उन लोगों के लिए भी बहुत ज्यादा मददगार साबित होता है, जो लोग एयरोफोबिया से ग्रसित होते हैं.
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नीला रंग एयरोफोबिया से ग्रसित लोगों को रखता हैं शांत
बता दें कि नीला रंग एयरोफोबिया से ग्रसित लोगों को शांत रखने में अहम भूमिका निभाता है. शोध में भी सामने आया है कि करीब 90 प्रतिशत लोग किसी ब्रैंड के कलर्स के आधार पर उसकी ओर रुख करते हैं. इसी कारण से ज्यादातर लोग नीले रंग को अपने ब्रैंड लोगो के लिए भी इस्तेमाल करते हैं. प्लेन में नीले रंग की सीट इसलिए भी इस्तेमाल की जाती है क्योंकि इस रंग पर गंदगी , धूल और दाग धब्बे बहुत कम दिखाई देते हैं. यह भी कहा जाता है कि नीले रंग की सीट हल्के रंग की सीटों की तुलना में लंबे समय तक इस्तेमाल की जा सकती हैं.
70 से 80 के दशक में कंपनियों ने लाल रंग की सीटों का इस्तेमाल किया
कई रिपोर्ट बताती हैं कि एयर लाइन कंपनियां शुरू में नीले रंग की सीटों का इस्तेमान नहीं किया करती थी. 70 और 80 के दशक में कुछ एयरलाइन्स कंपनियों ने एरोप्लेन में सीटों का रंग लाल कर दिया था, जिसके बाद यह देखा गया कि यात्रियों के बीच आक्रमकता और गुस्से का स्तर बढ़ रहा है. इसलिए एयर लाइन कंपनियों ने सीटों के रंगों को बदल कर दोबारा नीला कर दिया था.