लता मंगेशकर का सुपरहिट गाना `लाली लाली होठवा से बरसे ललईया` को फैंस बार -बार सर्च कर रहे
भोजपुरी फिल्म ‘लागी नाही छूटे राम’ का सुपरहिट गाना `लाली लाली होठवा से बरसे ललईया हो कि रस चुएला` सोशल मीडिया पर ट्रेंड होना शुरू हुआ हो अचानक लोग इस गाने को बार -बार सर्च कर रहे है.
Patna: स्वर साम्राज्ञी भारत रत्न लता मंगेशकर भले अब दुनिया में नहीं रहीं, उनके द्वारा गाए गाने सदियों तक फिजाओं में गूंजते रहेंगे. उनका बिहार से और बिहार के लोगों से बेहद गहरा नाता रहा है. वे केवल हिंदी और मराठी गानों की वजह से ही नहीं जानी गईं, बल्कि उनके गाए सुपरहिट भोजपुरी गानों की फेहरिश्त भी लंबी है. जरा सोचिए अगर वो भोजपुरी फिल्मों को अपनी आवाज नहीं देती तो क्या होता ?
लता मंगेशकर की दुसरी भोजपुरी फिल्म ‘लागी नाही छूटे राम’ का सुपरहिट गाना 'लाली लाली होठवा से बरसे ललईया हो कि रस चुएला' सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा है. अचानक इस गाने को लोग इस गाने को बार -बार सर्च कर रहे है और ये गानी सर्चिंग लिस्ट के टॉप पर है. इस गाने को सुर-संग्राम के मंच से सिंगर मंगला सलोनी ने गाया तो तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.
इस गाने पर एक महिला का डांस भी वायरल हो रहा है. किसी जमाने में महिलाएं इस गाने पर शादी -विवाह या किसी फंक्शन पर डांस कर मनोरंजन किया करती थी. दरअसल, भोजपुरी गानों की मिठास लता जी की सुरीली आवाज के साथ दोगुने मीठे हो जाते थे.
भोजपुरी की सबसे पहली फिल्म में लता जी ने दी थी अपनी आवाज साल 1963 में भोजपुरी इंडस्ट्री की पहला फिल्म बनी नाम था 'गंगा मईया तोहे पियरी चढ़इबो' का निर्माण भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के आग्रह पर किया गया. इस फिल्म ने तब सफलता के झंडे गाड़ दिए थे.
इस फिल्म का टाइटल सॉन्ग 'हे गंगा मईया तोहे पियरी चढ़इबो, सजना से कर द मिलनवां हो हाय राम' को लता जी ने अपना आवाज से सजाया और आज यह गाना सुपरहिट गानों की श्रेणी में नबर एक पर है. इस गाने को आज भी भोजपुरी के दर्शक सबसे ज्यादा पसंद करते हैं. लता जी के साथ इस गाने में उनकी छोटी बहन उषा मंगेशकर की भी आवाज थी.
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लता मंगेशकर की दुसरी भोजपुरी फिल्म ‘लागी नाही छूटे राम’का सुपरहिट गाना 'लाली लाली होठवा से बरसे ललईया हो कि रस चुएला' ये गाना आज भी कानों में उतना ही मधुर रस धोलती है जितना की कल. ये गाना सुनने के बाद लगता ही नहीं कि ये गाना सन् 1974 का गाना है. इस गाने को लता मंगेशकर जी के साथ तलत महमूद ने इस गाना को गाया था. इस गाने के लिरिक्स को मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखा था.