Aamir Khan On His Film Sarfarosh: साल 1999 में आई आमिर खान और सोनाली बेंद्रे की सुपरहिट फिल्म 'सरफरोश' के 25 साल पूरे पर मुंबई में एक स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई. इसी दौरान 'सरफरोश 2' को लेकर भी हरी झंडी दिखा दी है. इसी बीच आमिर ने खुलासा किया है कि 'सरफरोश' की टीम को पाकिस्तान और ISI के नाम का इस्तेमाल करने पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) द्वारा फिल्म को मंजूरी दिए जाने को लेकर काफी चिंता थी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आमिर खान की इस फिल्म की कहानी देश की सीमा पार आतंकवाद पर आधारित थी, जिसके देखते हुए फिल्म को पाकिस्तान में रिलीज करने को लेकर सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन काफी चिंता में थे. जॉन मैथ्यू मैथन द्वारा निर्देशित ये फिल्म कारगिल युद्ध के दौरान साल 1999 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का भयंकर माहौल बना हुआ था. उन दिनों फिल्मों के लिए एक नियम हुआ करता था कि किसी भी फिल्म में देश का नाम नहीं बता सकते. 



ऐसे सेंसर बोर्ड में पास हुई 'सरफरोश'


आमिर खान ने स्क्रीनिंग से पहले बताया, 'इसलिए हम जोखिम ले रहे थे और सेंसर बोर्ड फिल्म को पास करेगा या नहीं, क्योंकि हमने अपनी फिल्म में पाकिस्तान और आईएसआई का नाम लिया था. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. कुछ इधर-उधर की बातें हो रही थीं, लेकिन हमारा कहना ये था कि अगर आडवाणी जी संसद में कह सकते हैं तो हम सिनेमा हॉल में क्यों नहीं कह सकते? लक बाय चांस फिल्म बिना किसी बदलाव के पास हो गई'. फिल्म की कहानी एक ईमानदार पुलिस अधिकारी अजय सिंह राठौड़ के इर्द-गिर्द घूमती है. 


कैसा था बहन सुप्रिया पाठक के साथ रत्ना पाठक शाह का रिश्ता? बोलीं- उसके लिए मैं इमोशनल बुली...



जबरदस्त हिट हुई थी आमिर-सोनाली की फिल्म 


पुलिस अधिकारी अजय सिंह राठौड़ एक फेमस पाकिस्तानी गजल गायक गुलफाम हसन से मिलता है और उससे दोस्ती करता है. राठौड़ की जिंदगी में तब नया मोड़ आता है जब वो राजस्थान में हथियारों की तस्करी की जांच करते समय एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश करता है. फिल्म के रिलीज होने पर, फिल्म को को दर्शकों का शानदार रिस्पॉन्स मिला था. साथ ही फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई भी की थी. इतना ही नहीं, इसको बेस्ट फेमस फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला था.