इंडस्ट्री के पहले `खलनायक` जो पत्नी के सहारे बने सुपरस्टार, दोनों की शादी के खिलाफ था परिवार
Bollywood Retro: यूं तो बॉलीवुड में कई दिग्गज कलाकार रहे, जिनकी अपनी कहानियां और संघर्ष है, लेकिन कुछ दिग्गज कलाकारों के असल जीवन की कहानियां और संघर्ष फिल्मों की कहानियों के जैसे ही होती हैं. ऐसी ही कहानी इंडस्ट्री के इस पहले खलनायक की है.
Bollywood Retro: बॉलीवुड इंडस्ट्री में ऐसे कई दिग्गज कलाकार है, जिनके संघर्ष की कहानियां उनके फैंस को दिलचस्प लगती हैं और प्रेरित भी करती हैं. इंडस्ट्री में कई दिग्गज कलाकार आए और अपनी फिल्मों, अपने अभिनय से भरी यादें अपने फैंस के बीच छोड़ गए. ऐसे ही एक दिग्गज कलाकार के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, जिन्होंने इंडस्ट्री में वो मुकाम हासिल किया, जिसके ख्वाब वो हमेशा से देखा करते थे, लेकिन इसमें खास बात यह है कि इनके ख्वाबों को पूरा करने में इसकी पत्नी का बड़ा योगदान रहा है.
जी हां... हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड फिल्मों के पहले खलनायक और 'मोगैंबो' के नाम से पहचाने जाने वाले अमरीश पुरी (Amrish Puri) के बारे में. आज भले ही वो हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी फिल्में और किरदार हमेशा उनकी यादों को हमारे बीच जिंदा रखेंगी. साल 1960 में रंगमंच की दुनिया से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत करने वाले अमरीश पुरी ने अपने 40 साल के करियर में 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और अपने दमदार अभिनय से अपनी जबरदस्त पहचान बनाई. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1970 में आई फिल्म ‘बॉम्बे टू गोवा’ से की थी.
इंडस्ट्री के पहले खलनायक की कहानी
इसके बाद वो कई हिट फिल्मों में नजर आए, जिनमें ‘शहंशाह’, ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘खलनायक’, ‘दामिनी’, ‘मृत्युदंड’, ‘जुदाई’, ‘दीवाना’, ‘बागबान’, ‘बेवफ़ा’, ‘दो रास्ते’, ‘अर्जुन पंडित’, ‘दुश्मनी’, ‘जानी दुश्मन’, ‘जीत हमारी’, ‘जुआरी’, ‘ज़िद्दी’, ‘ज़ुल्म की हुकुमत’ और ‘तहलका’ जैसी कई फिल्में शामिल है, लेकिन इस सफर को तय करने में उनकी पत्नी उर्मिला दिवेकर (Urmila Diwekar) का बड़ा सहारा मिला. दरअसल, दोनों की मुलाकात एक बीमा कंपनी में हुई थी. यहीं से दोनों के बीच दोस्ती और प्यार की शुरुआत हुई और दोनों की शादी करने का मन बना लिया.
अपनी पत्नी को दिया करते थे पूरा श्रेय
हालांकि, दोनों के परिवार वाले इस शादी के लिए राजी नहीं थे, क्योंकि उर्मिला दक्षिण भारत से थीं और अमरीश पंजाब से, लेकिन फिर दोनों ने सभी को मना कर साल 1957 में शादी कर ली. शादी के बाद भी दोनों नौकरी किया करते थे, लेकिन अमरीश पुरी हमेशा से अभिनेता बनाना चाहते थे, लिहाजा उन्होंने नौकरी छोड़ दी और रंगमंच की दुनिया में सम्मिलित हो गए. वहीं, घर के खर्च की सारी जिम्मेदारी उर्मिला ने अपने कंधों पर उठा ली. देखते ही देखते अमरीश पुरी की गिनती इंडस्ट्री के बड़े कलाकारों में होने लगी, जिसका पूरा श्रेय उन्होंने अपनी पत्नी उर्मिला को दिया.