Naushad Became Tailor For Marriage: कई दशकों तक हिंदी सिनेमा पर राज करने वाले म्यूजिक कंपोजर नौशाद का जन्म 25 दिसंबर, 1919 को लखनऊ में हुआ था और उनका निधन 5 मई, 2006 में को मुंबई में हुई थी. नौशाद केवल 67 फिल्मों में ही संगीत दे पाए थे, जिनको आज भी याद किया जाता है. भले ही वो हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके गानों और उनसे जुड़े उनके किस्सों ने आज भी उनकी यादों को ताजा रखा है. 


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आज हम आपको उनसे जुड़ा एक ऐसा ही किस्सा बताने जा रहे हैं, जो बेहद दिलचस्प है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि हिंदी सिनेमा में अपना दमदार नाम कमाने वाले मशहूर म्यूजिक कंपोजर नौशाद के घरवाले ये नहीं जानते थे कि वो संगीतकार है. जी हां, नौशाद का पूरा नाम नौशाद अली था और उनको बचपन से ही म्यूजिक में काफी रुचि थी. वो अपने बचपन के दिनों में क्लब जाया करते थे जहां वो साइलेंट फिल्में देखा करते थे. 



 


घरवाले नहीं जानते थे कंपोजर हैं नौशाद 


साथ ही में नोट्स तैयार किया करते थे। इतना ही नहीं, म्यूजिक के लिए नौशाद की चाह इतनी ज्यादा थी कि वो इसके लिए एक म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट्स की दुकान पर काम किया करते थे, जिससे उनको उन्हें हारमोनियम बजाने का मौका मिल सके. नौशाद ने साल 1940 में आई फिल्म 'प्रेम नगर' में पहली बार म्यूजिक कंपोज किया था. उन गानों को आज भी खूब पसंद किया जाता है. हालांकि, उनके घर वाले इस बात से अनजान थे कि उनका बेटा एक म्यूजिक कंपोजर है. 


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शादी में बज रही थी खुद की कंपोज की गई धुन 


बताया जाता है जब नौशाद की शादी हुई थी उस समय उनकी शादी में उन्हीं के कंपोज किए गए गाने की धुन बजाई जा रही थी, लेकिन वो ये बात को किसी को बता न सके कि ये गाना उन्होंने ही कंपोज किया है. नौशाद ने अपने ससुराल वालों से भी ये ही कहा था कि वो पेशे से एक टेलर का काम करते हैं, जिसके पीछे की वजह ये थी कि उस दौर में संगीत या उससे जुड़े काम को अच्छा नहीं माना जाता था. बता दें, अपनी दौर की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘पाकीजा’ का म्यूजिक भी नौशाद अली ने ही कंपोज किया था.