नई दिल्लीः जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने नए सेना प्रमुख के रूप में रविवार को पदभार संभाला. उन्होंने आज सेवानिवृत्त हुए जनरल मनोज पांडे की जगह ली. जनरल मनोज पांडे को कार्यकाल के आखिरी दिन गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. जनरल मनोज पांडे 26 महीने तक इस पद पर रहे. अपने कार्यकाल के अंतिम दिन उन्होंने वॉर मेमोरियल पर जाकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
30वें सेना प्रमुख बने जनरल द्विवेदी
30वें सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने इससे पहले फरवरी में थल सेना उपाध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था. सेनाध्यक्ष के रूप में जनरल द्विवेदी की नियुक्ति को सरकार ने 11 जून को मंजूरी दी थी. 1 जुलाई 1964 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को 15 दिसंबर, 1984 को भारतीय सेना की इन्फैंट्री (जम्मू-कश्मीर राइफल्स) में कमीशन मिला था.
करीब 40 वर्षों से दे रहे सेवाएं
लगभग 40 वर्षों की अपनी लंबी और प्रतिष्ठित सेवा के दौरान, वह विभिन्न कमानों, स्टाफ, प्रशिक्षण संबंधी और विदेशी नियुक्तियों में कार्यरत रहे हैं. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी की कमांड नियुक्तियों में रेजिमेंट (18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स), ब्रिगेड (26 सेक्टर असम राइफल्स), महानिरीक्षक, असम राइफल्स (पूर्व) और 9 कोर की कमान शामिल हैं.
अलग-अलग पदों पर रहे हैं जनरल द्विवेदी
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने सेना उपप्रमुख के रूप में नियुक्ति से पूर्व 2022-24 तक महानिदेशक इन्फैंट्री और जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (मुख्यालय उत्तरी कमान) सहित अहम पदों पर कार्य किया है. सैनिक स्कूल रीवा, नेशनल डिफेंस कॉलेज और यूएस आर्मी वॉर कॉलेज के पूर्व छात्र लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने डीएसएससी वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज, महू में भी अध्ययन किया है.
तकनीक के इस्तेमाल में रहे हैं अग्रणी
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर अग्रणी रहे हैं. उन्होंने सेना की नॉर्दर्न कमांड में तकनीक को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इसके साथ ही नए सेनाध्यक्ष आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, बिग डेटा एनालिटिक्स, क्वांटम जैसी आधुनिकतम तकनीक के इस्तेमाल की दिशा में भी काम करते रहे हैं. वह सोमालिया में रहे और सेशेल्स सरकार के सैन्य सलाहकार के रूप में काम किया.
थल और नौसेना प्रमुख रह चुके हैं क्लासमेट
इसके साथ ही भारतीय सेना में पहली बार एक साथ पढ़ चुके दो अधिकारी सेना की दो अलग-अलग शाखाओं का नेतृत्व कर रहे हैं. दरअसल लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी क्लासमेट रह चुके हैं. दोनों 1970 के दशक की शुरुआत में 5वीं कक्षा में एक साथ पढ़े थे. तब जनरल द्विवेदी का रोल नंबर 931 और नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी का रोल नंबर 938 था.
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