Mukesh Tiwari: कुछ फिल्में फ्लॉप होने के बावजूद लोगों की स्मृति में रह जाती हैं और कई फ्लॉप फिल्मों में कोई इतना बेहतरीन किरदार निभाता है कि लोग उस कलाकार को भूल नहीं पाते. यह दोनों बातें लागू होती है, करीब 25 बरस पहले रिलीज हुई फिल्म चाइना गेट (Film China Gate) पर. निर्देशक राजकुमार संतोषी की यह फिल्म नवंबर 1998 में रिलीज हुई थी. फिल्म शोले की तर्ज पर बनी इस फिल्म में गब्बर सिंह (अमजद खान) से लड़ने के लिए जय-वीरू (अमिताभ बच्चन-धर्मेंद्र) की जगह संतोषी ने भारतीय सेना के दस पूर्व फौजियों को लिया था. जिन्हें लड़ना था, डाकू जगीरा से. जगीरा की यह भूमिका मुकेश तिवारी ने निभाई थी. नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से अभिनय की पढ़ाई करने वाले तिवारी का यह बॉलीवुड में डेब्यू था.


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बात न नहाने की
चाइना गेट भले ही फ्लॉप हो गई, लेकिन लोग जगीरा बने मुकेश तिवारी को नहीं भूले. डाकू के रूप में उनका काम इतना जबर्दस्त था कि उन्हें आगे फिल्में मिलती गईं और वह आज भी सक्रिय हैं. फिल्म में तिवारी का रूप भी डराने वाला था. पहाड़ियों में रहने वाले डाकू जगीरा के न केवल बाल और दाढ़ी लंबी तथा बिखरी-उलझी थी, बल्कि उसे देखकर यह महसूस होता है कि क्या यह आदमी कभी नहाया भी होगा! सच्चाई यही है कि 25 साल पहले आई इस फिल्म में अपने रोल की तैयारी के लिए मुकेश तिवारी कोई 50 दिनों तक नहाए नहीं थे. नहीं नहाने की अपनी समस्याएं थीं. ऐसे में मुकेश तिवारी ने यही रास्ता निकाला कि खुद पर हमेशा परफ्यूम छिड़कते रहें.



अब वसूली भाई
चाइना गेट भले ही नहीं चली, परंतु मुकेश तिवारी का अंदाज और उनके डायलॉग (Mukesh Tiwari Dialogue) लोगों ने पसंद किए. फिल्म में एक डायलॉग लोग भी नहीं भूले हैः मेरे मन को भाया, मैंने कुत्ता काट के खाया. उनका परफॉरमेंस इतना जबर्दस्त था कि उस साल फिल्मफेयर, जी सिने और स्टार स्क्रीन अवार्ड्स समेत कई मुकाबलों में बेस्ट विलेन के रूप में नामांकित किया गया था. इस फिल्म के बाद मुकेश तिवारी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और पर्दे पर विलेन और कॉमेडियन किरदारों को निभाते रहे. 25 साल में वह सौ से ज्यादा बॉलीवुड फिल्मों में काम कर चुके हैं. उनकी लोकप्रियता को और आगे बढ़ाने में गोलमाल सीरीज की फिल्मों ने बड़ी भूमिका निभाई, जिनमें वह वसूली भाई बने नजर आते हैं.