TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने बांटी `छपाक` की टिकट तो हो गए ट्रोल, सुनने पड़े ऐसे बोल
अजीत नाम के यूजर ने लिखा कि क्या आपने 190 रुपये किसी NGO को दिए जो एसिड अटैक पीड़िताओं के लिए काम करती है. नहीं दिए. इस तरह से आप सही में एसिड अटैक पीड़िताओं की मदद कर सकते हैं. एक यूजर ने लिखा- क्या फिल्म प्रोमोशन का काम शुरू कर दिया है. इस तरह लोग डेरेन का मजाक उड़ाते दिखे.
नई दिल्ली : दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) के जेएनयू जाने पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. दीपिका के सामने 'आजादी' के नारे लगे, इसे लेकर एक बड़ा वर्ग दीपिका से नाराज है. ट्वीटर पर हैशटैग #बायकॉटछपाक ट्रेंड करने लगा. बहुत से लोगों ने 'छपाक' की टिकट कैंसिल करवा दी. वहीं TMC के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन (Derek O Brien) ने दीपिका को सपोर्ट करने के लिए नया तरीका निकाला है. उन्होंने छपाक की टिकट की फोटो शेयर करते हुए ट्वीट किया था कि मैंने टिकट खरीदकर अपने साथ काम करने वाले एक कपल को गिफ्ट किया है. शुक्रवार की सुबह ऐसे एन्जॉय करें.
डेरेक खुद इस ट्वीट के बाद ट्रोल हो गए हैं. अजीत नाम के यूजर ने लिखा कि क्या आपने 190 रुपये किसी NGO को दिए जो एसिड अटैक पीड़िताओं के लिए काम करती है. नहीं दिए. इस तरह से आप सही में एसिड अटैक पीड़िताओं की मदद कर सकते हैं. एक यूजर ने मजाक किया कि पहले टिकट सस्ती करवाओ. एक यूजर ने लिखा- क्या फिल्म प्रोमोशन का काम शुरू कर दिया है. इस तरह लोग डेरेन का मजाक उड़ाते दिखे.
बता दें कि दीपिका पादुकोण मंगलवार शाम जेएनयू में पहुंचीं और कन्हैया कुमार व अन्य छात्रों के प्रोटेस्ट में शामिल हुईं. यहां उन्होंने JNU की अध्यक्ष आइशी घोष से भी मुलाकात की. वह शाम को अचानक जेएनयू कैंपस के साबरमती टी प्वाइंट पहुंचीं. यहां दीपिका छात्रों के समर्थन में करीब 10 मिनट तक मौजूद रहीं, लेकिन उन्होंने कोई बयान नहीं दिया.यहां दीपिका ने कन्हैया कूमार और जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष से बातचीत भी की. इस दौरान दीपिका के सामने ' हमको चाहिए आजादी' के नारे भी लगे, दीपिका चुपचाप समर्थन दिखा कर निकल गईं.
दीपिका ने सोमवार को पहली बार जेएनयू में हुए हमले पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि यह देखकर मुझे गर्व होता है कि हम अपनी बात कहने से डर नहीं हैं. यह देखकर खुशी होती है कि लोग सामने आ रहे हैं और बिना किसी खौफ के अपनी आवाज उठा रहे हैं. दीपिका ने कहा कि यह जरूरी है कि लोग चुप न रहें, खुलकर अपने विचार व्यक्त करें.