नई दिल्ली: भारत के ग्रामीण क्षेत्र में माहवारी के समय महिलाओं को होने वाली समस्या और पैड की अनुपलब्धता को लेकर बनी एक शॉर्ट फिल्म ‘पीरियड: द एंड ऑफ सेंटेंस’ को ‘डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट’ श्रेणी में ऑस्कर पुरस्कार मिला है. इस डॉक्यूमेंट्री का निर्देशन रायका जेहताबची ने किया है और इसे भारतीय प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा की ’सिखिया एंटरटेनमेंट’ ने प्रोड्यूस किया है. इस डॉक्यूमेंट्री की कहानी दिल्ली के बाहरी इलाके ‘हापुड़’ की है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मासिक धर्म से जुड़े विषय पर केंद्रित है OSCAR जीतने वाली भारतीय फिल्म 'Period: End of Sentence'



मुझे विश्वास नहीं हो रहा है: डायरेक्टर
वहीं, इस फिल्म में नजर आने वाली हापुड़ की स्नेहा का परिवार फिल्म को ऑस्कर मिलने के बाद बेहद खुश है. यह डॉक्यूमेंट्री ‘ऑकवुड स्कूल इन लॉस एंजिलिस’ के छात्रों और उनकी शिक्षक मिलिसा बर्टन द्वारा शुरू किए गए ‘द पैड प्रोजेक्ट’ का हिस्सा है. जेहताबची ने ऑस्कर पुरस्कार स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘मैं इसलिए नहीं रो रही हूं कि मेरा माहवारी चल रहा या कुछ भी. मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि माहवारी को लेकर बनी कोई फिल्म ऑस्कर जीत सकती है.'



OSCARS 2019: पहली बार मिला ऑस्कर मिलते ही रो पड़ी लेडी गागा


वहीं बर्टन ने इस पुरस्कार को अपने स्कूल को समर्पित करते हुए कहा कि इस परियोजना का जन्म इसलिए हुआ क्योंकि लॉस एंजिलिस के मेरे विद्यार्थी और भारत के लोग बदलाव लाना चाहते थे. भारत के लिए ऑस्कर का यह क्षण एक दशक के बाद आया है, जब एआर रहमान और साउंड इंजीनियर रसूल पोकुट्टी को ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ के लिए 2009 में अकादमी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. (इनपुट भाषा से भी)


बॉलीवुड की और खबरें पढ़ें