इस फिल्म ने तबाह कर दिया था हीरो का करियर, करोड़ों रुपये हुए बर्बाद; अब बन चुकी है `कल्ट क्लासिक`
Cult Classic Bollywood Film: आज हम आपको हिंदी सिनेमा की एक ऐसी ही फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने उसमें काम करने वाले हीरो और डायरेक्टर का करियर बर्बाद ककर दिया था. इतना ही नहीं, इस फिल्म में अंधा पैसा लगा था जो डूब गाया था, लेकिन आगे चल कर यही फिल्म कल्ट क्लासिक बन गई.
Guru Dutt Birth Anniversary: हिंदी सिनेमा ने दर्शकों को कई सदाबहार और शानदार फिल्में दी हैं, जिनको आज भी उसी चाव के साथ देखा जा सकता है. जैसे उनके सिनेमाघरों में उतरने के दौरान देखा जाता था. हालांकि, उस दौर में भी ऐसी बहुत सी फिल्में हुआ करती थी, जिनको दर्शकों का प्यार मिला करता था, लेकिन कुछ फिल्में ऐसी भी होती थी जिनको असफलता का मुंह देखना पड़ता था.
आज हम आपको एक ऐसी ही फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं. इस फिल्म ने उसमें काम करने वाले हीरो और डायरेक्टर दोनों का करियर बर्बाद कर दिया था. इतना ही नहीं, इस फिल्म में करोड़ों पैसा लगा था जो डूब गया था, लेकिन आगे चलकर यही फिल्म कल्ट क्लासिक बन गई. जी हां, आज हम यहां साल 1959 में आई अपने दौरान के शानदार एक्टर और डायरेक्टर गुरु दत्त की ही फिल्म की बात कर रहे हैं.
गुरु दत्त की फिल्म 'कागज के फूल'
इस फिल्म का नाम था 'कागज के फूल'. फिल्म में गुरु दत्त के साथ वहीदा रहमान नजर आई थीं, लेकिन बॉलीवुड की पहली फिल्म थी, जिसने डायरेक्टर और हीरो के करियर को बर्बाद करके रख दिया था, लेकिन बाद ये कल्ट फिल्म बनी. आज के समय इस फिल्म को खूब पसंद किया जाता है. हालांकि, 1959 में सिनेमाघरों में उतरी ये फिल्म बड़ी फ्लॉप साबित हुई थी. गुरु दत्त ने इस फिल्म में काम करने के साथ साथ इसको डायरेक्ट भी किया था.
बड़ी फ्लॉप हुई थी गुरु दत्त की ये फिल्म
फिल्म में गुरु दत्त और वहीदा रहमान के अलावा कुमारी नाज, महमूद और जॉनी वॉकर जैसे कलाकार भी मुख्य भूमिका में नजर आए थे. उस वक्त गुरू दत्त एक अच्छे कलाकार के साथ साथ बतौर डायरेक्टर के तौर पर भी अपनी दमदार पहचान बना चुके थे, लेकिन उनके डायरेक्शन में बनी ये फिल्म बड़ी फ्लॉप साबित हुई. बतौर डायरेक्टर 'कागज के फूल' गुरु दत्त के करियर की एक मोटे बजट वाली फिल्म थी.
टॉप 160 कल्ट फिल्मों में है शामिल
गुरु दत्त के निर्देशन में बनी इस फिल्म का बॉक्स ऑफिस पर इतना बुरी हाल हुआ था कि इसक बाद उन्होंने किसी दूसरी फिल्म का डायरेक्शन कभी नहीं किया. इतना ही नहीं, उन्हें इस फिल्म की वजह से करीब 17 करोड़ रुपये का मोटा नुकसान भी झेलना पड़ा था. हालांकि, आज के समय में इसको भारत की कल्ट फिल्म माना जाता है. इस फिल्म को 2002 में साइट एंड साउंड की सर्वकालिक टॉप 160 महानतम फिल्मों में जगह दी गई है.